फर्जी दिव्यांग पत्र बनाने का भंडाफोड़, 1700 रुपया में बनाया जा रहा प्रमाण पत्र
पकड़े गए युवक के पास मिला डीएवी डिग्री कॉलेज के छात्र का आई कार्ड, परिवहन निगम अधिकारियों ने पुलिस को सौंपा।
LP Live, Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अधिकारियों ने चैकिंग के दौरान फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर यात्रा करते हुए छात्रों को पकडा है। मुजफ्फरनगर रोडवेज डिपो के वरिष्ठ केंद्र प्रभारी राजकुमार तोमर ने बताया कि परिवहन निगम के सहायक यातायात निरीक्षक याकूब अली एवं केके शर्मा ने मुजफ्फरनगर-शामली बाईपास मार्ग पर शामली से आ रही अनुबंधित बस संख्या यूपी 12टी1136 का निरीक्षण किया।
इस दौरान एक यात्री अजय मलिक के पास दिव्यांग का पास था, यात्री को देखने से ऐसा लग रहा था कि जैसे वह दिव्यांग है। गहनता से जांच करने पर पाया की उनका दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी है, जिसे चेकिंग टीम बस स्टेशन पर मेरे कार्यालय में ले आई। फर्जी प्रमाण पत्र के साथ यात्रा कर रहे यात्री से पूछताछ करने पर पता चला कि अश्वनी बालियान नामक व्यक्ति द्वारा 1700 रुपये में दिव्यांग का परिचय पत्र बनाया था। उसको भी टेलीफोन कर बस स्टेशन पर बुलवाया गया। दोनों की वीडियो बनाई गई वीडियो में अश्विनी बालियान द्वारा स्वयं स्वीकार किया है कि उसने अजय मलिक से 1700 रुपये लेकर फर्जी दिव्यांग पास बनाया है, जिन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया है। फर्जी दिव्यांग पत्र बनाने वाले अश्वनी के पास से उसका स्वयं का भी दिव्यांग परिचय पत्र मिला है, जबकि वह व्यक्ति भी दिव्यांग नहीं है। परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि पकड़ा गया छात्र मुजफ्फरनगर के डीएवी डिग्री कॉलेज का स्टूडेंट है।