सोनीपत में पेटीएम में सेल्स मैनजर के बेटे की निर्मम हत्या
यूपी में सिद्धार्थनगर के रहने वाले हैं पीड़ित पिता अजीत त्रिपाठी
घ्रर में मिले पत्र में मांगी गई थी छह लाख रुपये की फिरौती
LP Live, Sonipat: हरियाणा के सोनीपत में पेटीएम के एरिया मैनेजर के आठ साल के बेटे का फिरौती के लिए अहरण करके निर्मम हत्या कर दी गई है। बच्चे का शव मंगलवार टीडीआई सिटी के बेसमेंट में पानी के ड्रम से बरामद किया गया। बच्चे के पिता का आरोप है कि यदि कल शाम खेलते समय गायब हुए बच्चे की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यदि पुलिस तत्परता से कार्रवाई करती तो बच्चा जिंदा मिल सकता था।
घटना के अनुसार पेटीएम में एरिया सेल्स मैनेजर अजीत त्रिपाठी अपने परिवार के साथ मुरथल के पास टीडीआई एस्पानिया कुमासपुर के फ्लैट में रह रहा है। अजीत त्रिपाठी मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला सिद्धार्थ नगर की तहसील डुमरियागंज के गांव वीरपुर-रतनपुर के रहने वाले हैं। पेटीएम में एरिया सेल्स मैनेजर हैं, जो लखनऊ के जानकीपुर में रहते थे, लेकिन तबादला होने के बाद वह दिसंबर 2022 में सोनीपत आए थे। फरवरी यानी तीन माह पहले ही अपने परिवार सोनीपत के गांव कुमासपुर स्थित टीडीआई एस्पानिया में फ्लैट में ले आए। सोमवार सांय उनका साढ़े 8 साल का बेटा अर्जित उर्फ हन्नू फ्लैट के बाहर सोसाइटी में ही बच्चों के साथ खेलने के लिए आया था, जिसके बाद वह गायब हो गया। इस बीच उनके फ्लैट के आंगन में अंग्रेजी मंि लिखा हुआ एक पत्र पड़ा मिला, जिसमें बच्चे को छोड़ने की एवज में 6 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी, जिसमें सोमवार की रात तक का समय दिया था। बच्चे के गायब होने और फिरौती मांगने की सूचना पुलिस को दी गई। वहीं आसपास के लोगों के साथ मिलकर बच्चे की रातभर तलाश की जाती रही।
पुलिस तत्काल हरकत में आती जिंदा होता बच्चा
आरोप है कि बहालगढ़ थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छानबीन शुरू की और सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि वह बच्चा सोसाइटी में एक किशोर के साथ खेल रहा था, जिसमें किशोर बच्चे को बेसमेंट की तरऊ ले जाते भी नजर आ रहा है, लेकिन फुटेज देखने के बावजूद पुलिस बेसमेंट तक जाने के बजाए पूछताछ करने में समय गंवा दिया। बच्चे का शव मंगलवार सुबह बेसमेंट में पानी के ड्राम में पड़ा मिला, जिसके सिर पर एक दर्जन से ज्यादा चोटों के निशान हैं और बाद में गला दबाने के भी निशान हैं, लेकिन पूरी जानकारी शव परीक्षण के बाद ही मिल सकेगी। पुलिस की फोरेंसिक टीम ने भी जांच के लिए मौके से सबूत जुटाए।
शराब पीकर जांच करने पहुंचा पुलिसकर्मी?
पीडित परिवार का आरोप है कि सूचना पर पुलिस का कर्मचारी शराब पीकर मामले की इन्वेस्टिगेशन करने के लिए पहुंचा था और पीड़ित परिवार के अनुसार समय रहते हुए पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो बच्चा जिंदा होता। फिलहाल पिता के आरोपो के बाद पुलिस पूरे मामले में लीपापोती के बाद समेटने में लगी हुई है।