प्रख्यात साहित्यकार डॉ. राजेंद्र गौतम की तीन पुस्तकों का लोकार्पण
डा. गौतम ने विदेशों में भी जगाई हिंदी की अलख
LP Live, Gurugram: सुरुचि साहित्य कला परिवार के तत्वाधान में आयोजित लोकार्पण समारोह, पुस्तक चर्चा एवं काव्य-गोष्ठी में प्रख्यात साहित्यकार डॉ. राजेंद्र गौतम की तीन पुस्तकों को लोकार्पित किया गया। इनमें गीत संग्रह ‘आवाज मौसम की’, दोहा संग्रह ‘कुछ दोहे इस दौर के’ और कुछ प्रेम कविताएं ‘ठहरे हुए समय में’ कृतियां शामिल हैं।
समारोह की अध्यक्षता दूरदर्शन के पूर्व निदेशक अमरनाथ ‘अमर’ और मंच संचालन मदन साहनी ने किया। मंच पर ग़ज़लकार विज्ञान व्रत, साहित्यकार अलका सिन्हा, गीतकार वेद प्रकाश शर्मा एवं डॉ राजेंद्र गौतम मौजूद रहे और पुस्तकों के संदर्भ में अपने अपने विचार भी प्रकट किये। संस्था अध्यक्ष डॉ. धनीराम अग्रवाल ने जहाँ संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया, वहीं अतिथिगण का शाब्दिक स्वागत भी किया। इस समारोह में पुस्तकों के लेखक एवं प्रख्यात भाषाविद् एवं समीक्षक डा. राजेन्द्र गौतम ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी से कविता लिखने में अपने अनुभव को वाणी देने की कोशिश की है। सामाजिक दायित्व से बचने का प्रयास उन्होंने नहीं किया है। जबकि अध्यक्षीय संबोधन में अमरनाथ ‘अमर’ ने जहाँ वक्ताओं के गहराई और बारीकी से किये गए अध्ययन, रचनाओं के मूल्यांकन व सार्थक अभिव्यक्ति की सराहना की, वहीं पुस्तक की सारगर्भित भूमिका के लिए डॉ. गौतम की शिष्या डॉ. कुसुम सिंह को भी बधाई दी। उन्होंने डॉ. गौतम के रचना संसार की विविधता, बिम्ब, सौंदर्य-बोध, अभिव्यक्ति, संवेदात्मक सन्दर्भ और गांव की मिट्टी से जुड़ाव की उन्मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने नयी पीढ़ी को सार्थक मंच प्रदान करने, साहित्य के विशाल जन-समुदाय को जोड़ने के लिए सुरुचि साहित्य कला परिवार के पदाधिकारियों व सदस्यों को साधुवाद दिया।
काव्य पाठ
पुस्तक चर्चा के बाद अनिल श्रीवास्तव, राजपाल यादव, मंजू भारती, मेघना शर्मा, सुषमा सिंह, कुसुम सिंह, राजेश प्रभाकर, रेवती रमण राय, बिमलेन्दु सागर, शंकर भारती, महेन्द्र लूथरा, हरीन्द्र यादव, वीणा अग्रवाल, मदन साहनी सहित लगभग 15 कवियों ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर डा. आर.पी. सिंह, कर्नल कँवर प्रताप सिंह, निर्मल यादव, आर.एस. पसरीचा, रजनेश त्यागी, रविन्द्र यादव, नरोत्तम शर्मा, प्रंमेश शर्मा, भावना सहित नगर के कई गणमान्य महानुभाव व साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।
अभिनेता व फिल्म पटकथा के रूप में भी पहचान
हरियाणा के लोकसाहित्य का गहनता से अध्ययन कर उसे नया आयाम देने के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी संवर्धन में जुटे प्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेन्द्र गौतम हिंदी के चर्चित कवि, आलोचक एवं शिक्षाविद् के अलावा पटकथा लेखक, अभिनेता के रूप में भी पहचाने जाते हैं। गौतम ने साहित्य की विभिन्न विधाओं में इस उपभोक्तावादी दौर में भी विसंगतियों को उजागर करती श्रेष्ठ गीत जैसी रचनाएं दी हैं। अपनी साहित्य साधना के दौरान उन्होंने हिंदी संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर देश को ही नहीं, बल्कि हरियाणा को भी गौरवान्वित किया है। साहित्य लेखन, कविता, नाटक, फिल्मी अभिनय, वृत्तचित्र निर्माता की भूमिका में अहम योगदान देने के अलावा हरियाणवी में गीत और दोहे लिखकर हरियाणवी संस्कृति और सभ्यता को जीवंत रखने में उन्होंने अपनी मातृभूमि को सर्वोपरि रखा हुआ है। दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा. गौतम ने हरियाणवी साहित्य पं. लख्मीचंद पर उन्होंने 1974 लिखना शुरू किया और गीत, सवैये, और दोहे जैसी उनकी रचनाओं का प्रकाशन ‘हरियाणा संवाद’ में हुआ है।
विश्वविद्यालयों के पाठ्क्रमों में रचनाएं
उनकी हरियाणवी और खड़ीबोली की रचनाएँ कई वर्षों तक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में पाठ्यक्रम में पढाई जाती रहीं हैं। यही नहीं उनकी ऐसी अनेक रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी के दिल्ली और रोहतक केंद्रों से भी हुआ है। डा. गौतम ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सांस्कृतिक आदान-प्रदान योजना के तहत साल 2003-04 में तीन माह तक महात्मा गांधी संस्थान मारीशस‘ में अध्ययन-अध्यापन कार्य भी किया। जहां उन्होंने मारीशस ब्रॅाडकास्टिंग कॉर्पोरेशन द्वारा ‘एन्काउंटर विद एन इंडियन राइटरः डॉ. राजेंद्र गौतम’ शीर्षक से डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई। इससे पहले 1995 में अपने गांव पर दूरदर्शन के लिए बनाई गई डोक्यूमेंट्री ‘बारह वन की ओर’ डीडी-1 वन पर प्रसारित हुई थी। हरियाणा के शेक्सपीयर के नाम से विख्यात सूर्य कवि पंडित लखमी चंद को लेकर वॉलीवुड अभिनेता यशपाल शर्मा द्वारा निर्मित हरियाणवी फिल्म ‘दादा लखमी’ में भी उन्होंने अपना योगदान दिया।