राज्य में स्कूली व सभी भर्ती परीक्षाओं में लागू होगा कानून
LP Live, Dehradun: उत्तराखंड में अब परीक्षाओं में नकल करना अपराध माना जाएगा। उत्तराखंड के राज्यपाल ने सरकार के इस कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। वहीं सरकार ने पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराने का निर्णय लिया है।
दरअसल उत्तराखंड में परीक्षाओं में हो रहे पेपर लीक और भर्ती घोटालों को लेकर बेरोजगार युवाओं ने धामी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। आंदोलनकारी युवाओं की मांगों के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कैबिनेट में नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दी, जिसे राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह ने उसे मंजूरी दे दी है। अध्यादेश पर राज्यपाल की मुहर लगते ही उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून स्वत: ही लागू हो गया है। इस कानून में आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा दस करोड़ रुपये तक के जुर्माने के प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में अब जितनी भी भर्ती परीक्षाएं होंगी, उन सभी में नया नकल विरोधी कानून लागू होगा।
पेपर लीक मामले की जांच
उत्तराखंड में बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर विचार करने के बाद राज्य सरकार ने पटवारी भर्ती पेपर लीक की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराने का ऐलान किया है। सरकार ने कहा सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है। अब 12 फरवरी को होने जा रही पटवारी लेखपाल परीक्षा व अन्य सभी भर्ती परीक्षाएं नए कानून के तहत ही आयोजित होंगी। इसके लिए अयोग पहले ही पुराने प्रश्नपत्र रद्द कर नए प्रश्नपत्र तैयार कर चुका है। नकल रोधी कानून भी लागू हो गया है और परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया जा चुका है। वहीं सरकार ने अभ्यर्थियों को सुविधा के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षा के लिए आने पर निशुल्क व्यवस्था की।