देश

वन्यजीव संरक्षण को लेकर पनामा सम्मेलन में छाया भारत

कछुए बटागुर कचूगा को सरंक्षण सूची में शामिल करने का समर्थन

भारत का वन्य अपराध रोकने को ऑप्रेशन टर्टशील्ड बना मिसाल
LP Live, New Delhi: भारत के वन्यजीवों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किये जा रहे प्रयास अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल बन रहे हैं। आयोन पनामा सिटी में वनों के विलुप्तप्राय जंतुओं और वनस्पति के अंतर्राष्ट्रीय कारोबार सम्बंधी चल रहे सम्मेलन जमकर प्रशंसा की गई। वहीं ताजे पानी में रहने वाले कछुए बटागुर कचुगा को संरक्षण सूची में शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का सभी पक्षकारों ने भारी समर्थन किया है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार इस सम्मेलन के तहत 14 नवंबर से 25 नवंबर तक चलने वाली कॉप-19 की बैठक में जहां बंगाल आदि क्षेत्र में ताजे पानी में पाए जाने वाले लाल खोल के कछुआ कछुये बटागुर कचुगा को सरंक्षण सूची में शामिल करने के प्रस्ताव की पक्षकारो द्वारा सराहना और इसे लागू करने की सहमति बनी। वहीं साइट्स ने देश में वन्यजीव अपराधों और कछुओं के गैर-कानूनी कारोबार के खिलाफ भी भारत के प्रयासों की प्रशंसा की गई। इस दौरान जमीन और ताजे पानी में रहने वाले कछुओं के बारे में साइट्स सचिवालय ने प्रस्ताव दस्तावेज पेश किया था, जिसमें भारत के वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के ऑप्रेशन टर्टशील्ड के सकारात्मक परिणामों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इन प्रयासों के तहत ताजे पानी में रहने वाले कछुओं के शिकार और उनके गैर-कानूनी कारोबार से जुड़े अपराधियों की धड़-पकड़ शामिल है।

भारत ने मजबूती से रखा अपना पक्ष
देश के विभिन्न भागों में एजेंसियों ने बड़ी मात्रा में जब्ती की कार्रवाई भी की है। सम्मेलन में भारत ने जमीन और ताजे पानी में रहने वाले कछुओं की कई प्रजातियों को रेखांकित किया। जिसमें कहा गया कि ये कछुये विलुप्त होने की खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके हैं, इन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में सम्मिलित करके उच्चस्तरीय सुरक्षा दी जा रही है। इसकी बदौलत वन्यजीव प्रजातियों को दुनिया भर में गैर-कानूनी कारोबार का शिकार बनने से सुरक्षा मिलेगी। इस सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व वन महानिदेशक व विशेष सचिव कर र हे हैं।

वन्य जीवों संरक्षण के 52 प्रस्ताव पेश
वन्यजीव सम्मेलन के रूप में आयोजि इस साइट्स-कॉप में भारत समेत विभिन्न देशों के 184 पक्षकारों को सम्मिलित हो रहे हैं। सम्मेलन में अब तक 52 प्रस्तावों को रखा गया है, जिनसे शार्क, सरी-सृपों, हिप्पो, सॉन्गबर्ड, गैंडों, वृक्षों की 200 प्रजातियों, आर्किड फूलों, हाथियों, कछुओं, आदि के अंतर्राष्ट्रीय कारोबार पर नियम बनाने में सुविधा होगी।

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