संभल हिंसा: जांच करने पहुंचा न्यायिक आयोग की टीम
मस्जिद और अन्य बवाल के स्थानों का किया मुआयना
सुरक्षा व कानून व्यवस्था के लिए शहर में भारी पुलिस बल तैनात
LP Live, Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल की जांच के बाद तीन सदस्य न्यायिक आयोग जांच के लिए पहुंचा। यूपी सरकार ने हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्य आयोग का गठन किया था, जो चार बिंदुओं पर जांच कर रहा है। इस हिंसा में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों समेत 30 से ज्यादा लोग घायल हुए थे और पांच की की मौत हो गई थी।
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सेवानिवृत्त जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यरक्षता में गठित तीन सदस्यी य न्या यिक आयोग रविवार को संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए पहुंचा। इस जांच आयोग में देवेंद्र अरोडा के अलावा सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एके जैन और सेवानिवृत्त आईएएस अमित मोहन भी भी शामिल है। न्याजयिक आयोग के दल के सदस्यों ने भारी पुलिस बल के बीच पूरे इलाके का मुआयना किया। यह आयोग चार बिंदुओं पर अपनी जांच कर रहा है। जिनमें इस बात की जांच की जा रही है कि क्याज हिंसा किसी साजिश के तहत सुनियोजित थी। क्यार पुलिस सुरक्षा पर्याप्त थी। किन कारणों से और किन हालात में हिंसा हुई, इसकी वजह क्याभ थी। भविष्य में इस तरह की घटना न घटे इसके लिए क्या। उपाय हो सकते हैं। इन्हीं बिंदुओं पर जांच आयोग शासन को अपनी रिपोर्ट देगा।
कई घटना स्थलों का निरीक्षण
आयोग का दल यहां अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद टीम आगे बढ़ा और उसे स्थान पर भी गया, जहां पर कार व बाइक में आग लगाई गई थी। यहां से वाटर वर्क्स की ओर वाले रास्ते पर टीम ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया, इसके बाद टीम जामा मस्जिद पर पहुंची। जहां करीब 13 मिनट तक सदर व अन्य कमेटी सदस्यों से जानकारी ली। इसके बाद यह दल कोतवाली से एकता पुलिस चौकी और फिर वहां से हिंदू पूरा खेड़ा पहुंची। यहां पर टीम ने उसे स्थान का भी जायजा लिया जहां पर बाइक जलाई गई थी और महिलाओं द्वारा पथराव किया गया था। इस दौरान कमिश्नर डीआईजी समेत अन्य अधिकारी शामिल है।
संभल में निषेधाज्ञा लागू
संभल जिले में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी। निषेधाज्ञा को भी 1 दिसंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है। शनिवार को मुजफ्फरनगर से समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र मलिक को गाजियाबाद से संभल आने से रोक दिया गया। सपाने नेताओं को रोकने की निंदा की है। सपा ने मृतकों के परिजनों को से 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान किया और सरकार से उन्हेंा 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में साइबर कैफे एक रजिस्टर रखेंगे, जिसमें हर ग्राहक के नाम लिखे जाएंगे। संभल में कोई भी सार्वजनिक स्थल पर पुतला नहीं फूंकेगा।