पीएम मोदी को सदन में बोलने के लिए मजबूर करना ही विपक्ष का मकसद
LP Live, New Delhi: संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार के खिलाफ मुखर विपक्ष पीएम मोदी को संसद में बयान देने के लिए मजबूर करने पर आमदा है। इसके लिए विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति बना रहा है। वहीं भाजपा संसदीय दल की बैठक में संसद को सुचारु रुप से चलाने के लिए विपक्ष को माकूल जवाब देने की रणनीति बनाई गई है।
लोकसभा में हालांकि विपक्ष का यह प्रस्ताव गिर जाएगा, यह विपक्ष भी जानता है, लेकिन विपक्ष के दांव में इस मुद्दे पर पीएम मोदी को सदन में बोलने के लिए मजबूर करना है। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को सुबह विपक्षी दलों के नेताओं की कांग्रेस अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खरगे के चैंबर में बैठक में मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी के बयान की मांग को पूरा करने के लिए इस निर्णय पर चर्चा की। प्रस्ताव पर सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली चर्चा में पीएम मोदी बोल सकते हैं, इसी मकसद से विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का रास्ता चुना, जिसके लिए लोकसभा में नोटिस दिया जा सकता है। विपक्षी दलों का यह निर्णय पीएम मोदी को सदन में बोलने के लिए मजबूर करने का दांव है, लेकिन विपक्षी दलों का यह दांव लोकसभा में एनडीए के प्रचंड बहुमत के सामने धाराशायी होना तय है। विपक्ष ने पीएम के बयान के लिए इस विकल्प को बेहतर माना है, लेकिन राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष की रणनीति सरकार के खिलाफ जारी रहेगी।
सरकार चर्चा को तैयार
संसद के मानसून सत्र में पहले ही दिन से लोकसभा और राज्यसभा में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। हालांकि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष की शर्ते सत्तापक्ष को मंजूर नहीं हैं। इसी मुद्दे पर मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की भी बैठक हुई, जिसमें विपक्ष के मुद्दों से निपटने और आवश्यक काम काज करने की दिशा में रणनीति बनाई गई है। सरकार के मंत्री बार बार कह रहे हैं कि सरकार सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है, लेकिन विपक्ष संसद को बाधित करने में विश्वास ज्यादा कर रहा है और चर्चा नहीं होने दे रहा है।