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दिल्ली विश्वविद्यालय तक मेट्रो से पहुंचे पीएम मोदी

डीयू के शताब्दी समारोह में हुए शामिल, छात्र-छात्राओं को सफलता के मंत्र

LP Live, New Delhi: दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अचानक दिल्ली मेट्रो का सफर किया। दिल्ली विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में उन्होंने छात्र छात्राओं को भविष्य को उज्जवल बनाने के मंत्र दिये और कहा कि विश्व को भारत और भारतीय युवाओं की क्षमता पर पूरा भरोसा है, जो उन्होंने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान महसूस किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होना था। इस समारोह में शामिल होने के लिए वे अपने आवास से निकलने के बाद सुबह 11 बजे लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन गए, जहां उन्होंने टिकट काउंटर से टोकन लिया और उसके बाद वे प्लेटफॉर्म पहुंच कर मेट्रो का सफर करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचे। मेट्रा के सफर के दौरान दौरान प्रधानमंत्री ने मेट्रो में यात्रा कर रहे यात्रियों से बातचीत की।

सिखाने की प्रक्रिया है शिक्षा: पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह में बोलते हुए कहा निष्ठा धृति सत्यम्, विश्वविद्यालय का ये ध्येय वाक्य अपने हर एक छात्र के जीवन में मार्गदर्शक दीपक की तरह है। जिसके पास ज्ञान है वही सुखी है, वही बलवान है। वास्तव में वही जीता है जिसके पास ज्ञान है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि आज युवा जिंदगी को इसमें बांधना नहीं चाहता है। वह कुछ नया करना चाहता है। अपनी लकीर खुद खींचना चाहता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ सिखाने नहीं, सीखने की भी प्रक्रिया है। लंबे समय तक शिक्षा का फोकस इसी बात पर रहा कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। हमने शिक्षा का फोकस इस पर भी किया कि छात्र क्या सीखना चाहता है। आप सबके प्रयास से नई शिक्षा नीति तैयार हुई। छात्र अपनी इच्छा से अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं। 2014 से पहले भारत में सिर्फ कुछ सौ स्टार्टअप थे। आज इनकी संख्या एक लाख को पार कर गई है। कुछ दिन पहले अमेरिका की यात्रा पर गया। आपने देखा होगा कि भारत का सम्मान और गौरव कितना बढ़ा है। क्योंकि भारत की क्षमता और भारत के युवाओं पर विश्व का भरोसा बढ़ा है। पीएम ने कहा कि एक समय था जब छात्र किसी संस्थान में एडमिशन से पहले प्लेसमेंट को प्राथमिकता देते थे। एडमिशन का मतलब डिग्री और डिग्री का मतलब नौकरी होता था और शिक्षा यहीं तक सीमित थी।

डीयू उपलब्धियों का प्रतिबिंब
पीएम मोदी ने कहा दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे किए हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। कोई भी देश हो, उसके विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान, उसकी उपलब्धियों का सच्चा प्रतिबिंब होते हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 कॉलेज थे, अब 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज, 6 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं। एक समय था, जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 कॉलेज थे, अब 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। इसी प्रकार एक समय था जब भारत नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में आता था और आज विश्व की अर्थव्यवस्था में यह शीर्ष 5 में शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत की।

 

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