दिल्ली शराब घोटाला: कम नहीं हो रही केजरीवाल की मुश्किलें!
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी के साथ केजरीवाल को दी नसीहत
LP Live, New Delhi: दिल्ली शराब घोटाले मामले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट में अपील करना महंगा पड़ता नजर आ रहा है और वह अपने जाल में खुद फंसते नजर आ रहे है। सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की गिरफ़तारी के खिलाफ अपील पर सख्त और खफा नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को नसीहत देते हुए कहा कि उन्होंने ईडी के समक्ष अपना बयान क्यों रिकार्ड नहीं कराया, जबकि ईडी को बयान देना जरुरी था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नाराजगी के साथ सवाल उठाते हुए कहा कि यदि वह ईडी को अपना बयान देने से इनकार करते हैं, तो गिरफ्तारी को लेकर इस प्रकार की अपील भी नहीं कर सकते हैं। केजरीवाल के अधिवक्ता अजय मनु सिंघवी ने कोर्ट के सामने दलील दी कि व्यक्ति को अपराध के सबूतों के आधार पर ही गिरफ्तार कर सकते हैं। केवल शक के आधार पर कैसे किसी को गिरफ्तार कर सकते हैं। उन्होंने कहा मनी लॉन्ड्रिंग केस का यही नियम है। यह भी कहा कि जांच एजेंसी ने दोबारा केजरीवाल का बयान ही नहीं लिया। उधर ईडी ने कोर्ट में अपने हलफनामें में कहा था कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को भेजे गए समन में 9 बार वह स्टेटमेंट देने के लिए ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। इसपर केजरीवाल के वकील ने कहा कि किसी समन पर उपस्थित न हो पाना या समन का असहयोग किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है।
बयान नहीं लिया ये कहना गलत
सुप्रीम कोर्ट के न्यायामूर्ति ने ये कहा केजरीवाल से दिल्ली शराब नीति मामले में 21 मार्च से केजरीवाल गिरफ्तार किए गए थे। इसके बाद कोर्ट में पेशी के बाद इन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। इसके बाद से लगातार केजरीवाल जमानत और गिरफ्तारी को लेकर अपील कल रहे हैं। ताजा सुनवाई में दो न्यायधीशों की पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि यदि आप सेक्शन 50 के तहत ईडी को अपना बयान रिकॉर्ड कराने से मना करते हैं, तो गिरफ्तारी के विरोध में यह नहीं कह सकते कि आपका बयान नहीं लिया गया था। कोर्ट ने कहा कि यदि केजरीवाल बार-बार बयान देने न जाएं, तो जांच अधिकारी क्या करेंगा।