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एआईआरएफ के नाम से जारी हुआ डाक टिकट

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जारी किया डाक टिकट

देश में पहली बार किसी श्रमिक संगठन के नाम से आया डाक टिकट
LP Live, New Delhi: भारत सरकार ने रेलवे के सबसे पुराने एतिहासिक संगठन आल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक ‘स्मृति डाक टिकट’ करने का निर्णय लिया। सरकार के इस निर्णय के तहत भारत सरकार के रेल, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह डाक टिकट मंगलवार को जारी किया।

आल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) की स्थापना 24 अप्रैल 1924 को हुई थी। इसके उपलक्ष्य में भारत सरकार के द्वारा एक ‘स्मृति डाक टिकट’ करने का निर्णय लिया गया। इस शताब्दी वर्ष संस्मरण डाक टिकट को, भारत सरकार के रेल, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा मंगलवार को करनैल सिंह रेलवे स्टेडियम आयोजित एक समारोह के दौरान पांच हजार से अधिक रेलकर्मियों की मौजूदगी में जारी किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर रेल मंत्रालय, भारतीय डाक एवं उत्तर रेलवे के अनेक प्रमुख उच्च अधिकारी उपस्थित रहे। वहीं देश भर के रेलवे, पोस्टल तथा अन्य सरकारी तथा असंगठित श्रमिको के संगठन के शीर्ष पदाधिकारी, अन्य गणमान्य प्रबुद्धजन भी उपस्थित रहे। यह देश के इतिहास में पहला अवसर है, जब किसी श्रमिक संगठन के नाम सेउ सके ‘शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा ‘डाक टिकट‘ जारी करके उसको सम्मान देने का काम किया गयाहै, जो कि इस बात का प्रतीक है कि यह संगठन इस देश एवं श्रमिको के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है। समारोह में एआईआरएफ के अध्यक्ष डा. एन कनैया, एनएफआईआर के महामंत्री डा. एम राघवैया, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती जया वर्मा सिन्हा, महानिदेशक भारतीय डाक सुश्री स्मिता कुमार, रेलवेबोर्ड के महानिदेंषक (एचआर) नवीन गुलाटी, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री शोभुन चौधरी, एआइ्आरएफ के कार्यकारी अध्यक्ष जेआर भोसले, एआईआरएफ के कोषाध्यक्ष सी एच. शंकराराव, एआईआरएफ के सहायक महामंत्री एसके त्यागी, राष्ट्रीय महिला संयोजक श्रीमती प्रवीना सिंह सहित अनेक महत्वपूर्ण पदाधिकारी एवं अधिकारी मौजूद रहे।

फेडरेशन का आंदोलन मे महत्वपूर्ण योगदान: अश्विनी वैष्णव
इस अवसर पर कर्मचारियों को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अश्विनी वैष्णव ने इसकी ऐतिहासिक पृश्ठभूमि पर संक्षिप्त प्रकाष डालते हुए कहा कि इस संगठन को ऐसे लोगो ने नेतृत्व प्रदान किया है, जिनका इस देष के ट्रेड यूनियन आंदोलन ही नही बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ट्रेड यूनियन आंदोलन मे भी महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं। रेलकर्मियों का यह संगठन एक जिम्मेदार ट्रेड संगठन की भूमिका निभाते हुए न केवल रेल कर्मचारियों के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन के लिए बल्कि रेल उधोग एवं इसके उपभोक्ताओ के लिए सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। वहीं फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए फेडरेशन द्वारा रेल कर्मचारियों एवं उनके परिवार के लिए सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में समय समय पर किये गये कार्य-कलापो की जानकारी दी।

भारतीय रेल की लिखी विकास गाथा
फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि इन एक सौ वर्षो की यात्रा में जहां रेलवे कर्मचारियों ने आल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के नेतृत्व में भारतीय रेलो की विकास गाथा लिखी, जिसमें आज देश में 82 वंदेभारत एक्सप्रेस चल रही है तथा 30 हजार अमृत भारत कोचो का निर्माण हमारे कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। वहीं इस फेडरेशन ने संघर्ष और उपलब्धियो के वह आयाम स्थापित किये जिसमे अंग्रेजो के समान वेतन, सुविधायें,छटनी पर रोक, मैन आफ क्राफ्ट और मैन आफ लेटरकी बराबरी, बोनस, वेतन आयोगो के माध्यम से वेतन भत्तों एवं सुविधाओ में प्रसार, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग के माध्यम से प्रोन्नतियो में विस्तार,सभी को वातानुकूलित पास की सुविधा,चिकित्साओ में विस्तार इत्यादि जैसी अनगिनत उपलब्धियां एआईआरएफ के नाम है। जहां एआईआरएफ द्वारा की गई 1960, 1968 और 1974 की गौरवपूर्ण संघर्ष है।

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