

LP Live, New Delhi: स्वीडन की संसद में भारत-स्वीडन मैत्री समूह की अध्यक्ष सुश्री मार्गरेटा सेडरफेल्ट के नेतृत्व में स्वीडन के एक संसदीय शिष्टमंडल ने संसद भवन परिसर में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश से मुलाकात की। इस मौके पर दोनों देशों ने आपसी चिरकालिक, स्नेहिल और मैत्रीपूर्ण संबंधों की सराहना की।
संसद परिसर में गुरुवार को पहुंचे स्वीडन के शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भारत और स्वीडन के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित चिरकालिक, स्नेहिल और मैत्रीपूर्ण संबंधों की सराहना की। से सम्बंध दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश तथा प्रौद्योगिकी में बढ़ते सहयोग को दर्शाते हैं। उपसभापति ने तेजी से प्रगाढ़ होते द्विपक्षीय संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत और स्वीडन ने वर्ष 2014 से अनेक उच्च स्तरीय बैठकें हुई, जिनमें प्रधानमंत्री स्तर की बैठकें भी शामिल हैं। इसी वजह से दोनों देशों की भागीदारी को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता के लिए आगे बढ़े हैं।
व्यापार व निवेश पर बल
उपसभापति हरिवंश ने स्वीडन के साथ व्यापार और निवेश संबंधों पर जोर देते हुएह कहा कि वर्तमान में भारत स्वीडन के साथ वस्तुओं और सेवाओं के द्विपक्षीय व्यापार क्षेत्र में एशिया का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। उपसभापति ने भारत में स्वीडन की कंपनियों, जिनमें से कुछ एक सदी से भी अधिक समय से हो रहे कार्य की व्यापक उपस्थिति का स्वागत किया और भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और अनुसंधान एवं विकास संबंधी पहल में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए आभार जताया।उपसभापति ने स्वीडन के अधिकाधिक व्यवसायों को भारत के विशाल बाजार और विनिर्माण पारितंत्र का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान की जा सके, बल्कि विश्व स्तरीय आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकताओं की भी पूर्ति की जा सके।

संयुक्त जलवायु कार्रवाई
दोनों देशो ने जलवायु कार्रवाई के संबंध में दोनों पक्षों ने लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन (लीडआईटी 2.0), जो भारत और स्वीडन द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई एक अग्रणी पहल है, के माध्यम से संधारणीयता और औद्योगिक अकार्बनीकरण के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। चर्चाओं में स्वच्छ ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी और संधारणीय औद्योगिक परिपाटियों में भारत-स्वीडन सहयोग के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला गया। उपसभापति ने दोनों देशों के बीच समृद्ध सांस्कृतिक और लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों की भी सराहना की। उन्होंने स्वीडन में भारतीय शास्त्रीय कलाओं, योग और आयुर्वेद की व्यापक लोकप्रियता की प्रशंसा की, जिसके परिणामस्वरूप सतत सांस्कृतिक आदान-प्रदान सुदृढ़ होता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्वीडन में भारतीय पेशेवरों और छात्रों की बढ़ती संख्या की सराहना की, जो दोनों देशों के बीच मजबूत हो रहे शैक्षणिक और आर्थिक संबंधों को दर्शाती है।
सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग की प्रतिबद्धता
दोनों पक्षों द्वारा संसदीय भागीदारी को बढ़ावा देने और व्यापार, प्रौद्योगिकी, जलवायु तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में व्यापक सहयोग के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त करने के साथ बैठक का समापन हुआ। उपसभापति ने स्वीडन के शिष्टमंडल को भारत की एक सार्थक यात्रा के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं, तथा आगामी वर्षों में एक सुदृढ़ और अधिक सक्रिय साझेदारी के लिए दोनों देशों के समान दृष्टिकोण की पुन: पुष्टि की। इस मौके पर सांसद सुजीत कुमार, श्रीमती महुआ माजी, जी.के. वासन और मिलिंद मुरली देवरा और राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।
