अन्य राज्यअरुणाचल प्रदेशअसमदेशनागालैंडमणिपुरमिज़ोरममेघालयसिक्कम

पूर्वोत्तर क्षेत्र के बिना देश का विकास संभव नहीं: पीएम मोदी

शिलांग में मनाया गया उत्तर-पूर्वी कॉउन्सिल का गोल्डन जुबली समारोह

पूर्वोत्तर क्षेत्र में अभी नए आयामों का खाका तैयार करें सभी आठ राज्य
LP Live, Shilang: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों को अष्ट लक्ष्मी की संज्ञा देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर परिषद के योगदान से पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास भी 8 आधार स्तंभों यानी शांति, बिजली, पर्यटन, 5जी कनेक्टिविटी, संस्कृति, प्राकृतिक खेती, खेल की क्षमता पर काम करने के लिए आगे आने की जरुरत है। हालांकि पिछले आठ सालों में केंद्र सरकार ने देश के विकास की योजनाओं में पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी है, क्योंकि पूर्वोत्तर के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मेघालय की राजधानी शिलांग में उत्तर-पूर्वी परिषद के गोल्डन जुबली समारोह की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने एनईसी की बैठक में पिछले 50 सालों में हुए कामों की सराहना करते हुए कहा कि एनईसी को आगे आने वाले 25 सालों में उत्तर-पूर्व के विकास के सभी आयामों का खाका खींच कर पर अपने लक्ष्य तय करने का भी निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर जलविद्युत का पावरहाउस बन सकता है। इससे क्षेत्र के राज्यों को अतिरिक्त बिजली मिलेगी, उद्योगों के विस्तार में मदद मिलेगी और बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे। क्षेत्र की पर्यटन क्षमता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र की संस्कृति और प्रकृति दोनों ही दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी पर्यटन सर्किटों की पहचान की जा रही है और उन्हें विकसित किया जा रहा है। उन्होंने 100 विश्वविद्यालयों के छात्रों को पूर्वोत्तर भेजने पर भी चर्चा की, जिससे विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को करीब लाने में मदद मिलेगी। ये छात्र तब क्षेत्र के दूत बन सकते हैं।

पूर्वोत्तर दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए हमारा प्रवेश द्वार है और पूरे क्षेत्र के विकास का केंद्र बन सकता है। मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र की इस संभावना को साकार करने के लिए भारतीय-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग और अगरतला-अखौरा रेल परियोजना जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। वहीं सरकार ‘लुक ईस्ट’ नीति को ‘एक्ट ईस्ट’ में बदलने से आगे निकल गई है, और अब इसकी नीति ‘एक्ट फास्ट फॉर नॉर्थईस्ट’ और ‘एक्ट फर्स्ट फॉर नॉर्थईस्ट’ है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, अंतरराज्यीय सीमा समझौते किए गए हैं और उग्रवाद की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।

पिछले आठ साल में बदला पूर्वोत्तर
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में, इस क्षेत्र में हवाई अड्डों की संख्या 9 से बढ़कर 16 हो गई है, और उड़ानों की संख्या 900 से बढ़कर लगभग 1900 हो गई है। कई पूर्वोत्तर राज्य पहली बार रेलवे मानचित्र पर आए हैं और जलमार्गों के विस्तार के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में 50 प्रतिशत वृद्धि हुई है। आत्मनिर्भर 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 5जी से क्षेत्र में स्टार्टअप इकोसिस्टम, सर्विस सेक्टर सहित अन्य क्षेत्रों के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर को न केवल आर्थिक विकास का, बल्कि सांस्कृतिक विकास का भी केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों से खाद्य तेलों पर चल रहे राष्ट्रीय मिशन-ऑयल पाम में भाग लेने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने भारत की जी20 अध्यक्षता पर भी चर्चा की और कहा कि इसकी बैठकों में दुनिया भर के लोग पूर्वोत्तर में आएंगे। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र की प्रकृति, संस्कृति और संभावना को प्रदर्शित करने का उपयुक्त अवसर होगा।

आज गांव तक पहुंच रहा है बजट: शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने परिषद की बैठक में कहा कि पहले उत्तर-पूर्व को पिछले आठ साल में आवंटित बजट का लाभ आज गांवों तक पहुंच रहा है, जिससे उपयोगी कार्य में परिवर्तित हो रहा है। इसी कारण अब उत्तर-पूर्व में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ीं, ढ़ेर सारी छोटी-छोटी इंडस्ट्रीज, शिक्षा संस्थान और स्पोर्टस् से जुड़े हुए संस्थान भी खुले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने उत्तर-पूर्व की प्रत्येक राजधानी को रोड,ट्रेन और एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने का प्रकल्प भी लिया है। शाह ने कहा कि आज उत्तर-पूर्व सभी विवादों के मुक्त हुआ है और यहां शांति प्रस्थापित हुई है। 8 साल उग्रवादी समूहों के द्वारा अलग-अलग विद्रोह की घटनाओं में 74 फीसदी कमी, सुरक्षाबलों पर हमले की घटनाओं में 60 फीसदी कमी और नागरिकों की मौत में 89 फीसदी की कमी आई है। सरकार की इन्हीं गतिविधियों से शांति आई, क्योंकि शांति के बिना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के संस्थान आना संभव नहीं है।

अफस्पा हटाने की मांग कम हुई
अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के कालखंड में ही 2019 में एनएलएफटी से समझौता, 2020 में ब्रू व बोड़ो समझौता, 2021 में कार्बी समझौता और असम-मेघालय व असम-अरुणाचल सीमा के विवाद भी लगभग समाप्त हो गए हैं और उत्तर-पूर्व शांति बहाली के साथ ही विकास के रास्ते पर अग्रसर हुआ है। पहले उत्तर-पूर्व से अफस्पा को हटाने मांग कम हो गई, हालांकि केंद्र सरकार दो कदम आगे बढ़कर अफस्पा हटाने के लिए इनीशिएटिव ले रही हैं। उन्होंने कहा कि आज असम के 60 फीसदी क्षेत्र, नागालैंड के 7 जिले, मणिपुर के 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन और त्रिपुरा व मेघालय पूर्णतया अफस्पा मुक्त हुए हैं, तो अरुणाचल में एक ही जिला अफस्पा मुक्त होने से बाकी बचा है।

admin

लोकपथ लाइव वेबसाइड एक न्यूज बेवसाइट है। यहां खबरों के साथ देश के प्रतिभाशाली व्यक्तियों का परिचय भी उनकी उपलब्धियों के साथ कराना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हमारा मकसद आप तक सच्ची खबरें तथ्यों के साथ पहुंचाना है। लोकपथ लाइव पर अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सहित विभिन्न राज्यों के जिलों और गांव तक की ताजा खबरें पढ़ सकते हैं। - प्रधान संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button