हरियाणा में अब गैरहाजिर पुलिसकर्मियों की खैर नहीं!
6 माह से ज्यादा गैरहाजिर पुलिस कर्मियों की नौकरी पर छाया संकट
LP Live, Chandigarh: हरियाणा पुलिस विभाग में ड्यूटी से 6 माह से अधिक गायब रहने वाले पुलिसकर्मियों की नौकरी पर संकट के बादल छा गये हैं। भयंकर बीमारियों की चपेट में आए पुलिसकर्मियों को छोड़कर बाकी गैरहाजिर पुलिसकर्मियों के आवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों बैठक में इस प्रकार के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने 6 माह से ज्यादा अर्थात कई कई साल गायब रहने के बाद नौकरी मांगने वाले पुलिसकर्मियों की फाइलों या आवेदनों पर कोई पुनर्विचार न करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा के गृह मंत्रालय के पास इस समय लगभग 15 सौ से ज्यादा इस प्रकार के लंबित मामले चल रहे हैं, जिसमें पुलिस कर्मचारी एक साल से लेकर 10 साल से लापता है। ऐसे पुलिकर्मी बाद में अचानक आकर अधिकारियों के सामने पेश होते हैं और दोबारा नौकरी बहाली की मांग करते हैं। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अधिकारी एसपी से लेकर डीजीपी और गृह सचिव तक अपील सुनी जाती हैं। हालांकि ऐसे मामलों को लेकर सरकार व पुलिस विभाग ने कानून विशेषज्ञों से भी राय ली, जिसके बाद इस सख्त फरमान जारी किया गया है।
ऐसे मामलों पर नहीं होगी सुनवाई
हरियाणा के गृह मंत्री ने आला अधिकारियों के साथ इस प्रकार के मामलों को लेकर मंथन के बाद 6 माह से ज्यादा पुराने मामलों को नहीं सुनने का निर्देश दिया है। अर्थात भविष्य में 6 माह से ज्यादा नौकरी से गायब रहने वाले पुलिसकर्मियों को दोबारा रोजगार मिलने की आस छोड़ देनी होगी। गौरतलब है कि पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग और भर्ती प्रक्रिया पर सरकार भारी-भरकम खर्च करती है, इसके बावजूद नौकरी से गायब रह कर पुलिसकर्मी अनुशासनहीनता करते हैं। यही नहीं ऐसे पुलिस कर्मचारी नौकरी से गायब रहने दौरान के खर्च का बोझ भी सरकारी खजाने पर पड़ता हैं। मसलन अब राज्य में गृह मंत्री और आला अफसरों ने गंभीर रोग और किसी प्रकार की बड़ी मजबूरी को छोड़कर सामान्य मामला को नहीं सुनने का फैसला कर लिया है।