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भाजपा जेपी नड्डा के नेतृत्व में ही लड़ेगी अगला लोकसभा चुनाव

पार्टी ने नहीं बदला अपना कप्तान, लोकसभा व उससे पहले नौ राज्यों के चुनाव में होगी अग्नि परीक्षा

भाजपा कार्यकारिणी ने जून 2024 तक दिया नड्डा के पार्टी प्रमुख का विस्तार
LP Live, New Delhi: भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा के कार्यकाल को जून 2024 तक का विस्तार दे दिया है। भाजपा प्रमुख के रूप में नड्डा के लिए यह विस्तार किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। इसका कारण है कि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और उससे पहले सेमीफाइनल के रूप में इस वर्ष 2023 में नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में होंगे।

यहां एनडीएमसी के कन्वेंशन सेंटर में दो दिन तक चली भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार को पार्टी के अध्यक्ष को लेकर एक बड़ा फैसला हुआ। यानी मौजूदा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का एक और कार्यकाल साल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया। इसका मतलब यह हुआ कि लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी की कमान उन्हीं के हाथों में रहेगी। जेपी नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाए जाने की उम्मीद पहले से ही लगाई जा रही थी और मंगलवार कार्यकारिणी के दूसरे दिन इस फैसले पर मुहर लग गई। जेपी नड्डा का कार्यकाल इसी महीने 20 जनवरी को खत्म हो रहा था। गृह मंत्री अमित शाह को भी पिछले लोकसभा चुनाव से पहले विस्तार मिला था और उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था।

शाह ने की निर्णय की पुष्टि
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिए गये निर्णय की जानकारी देते हुए मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पार्टी ने जेपी नड्डा के कार्यकाल को जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है। नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इसी साल 20 जनवरी को समाप्त हो रहा था। इसके पहले वह जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। उसके बाद 20 जनवरी 2020 को उन्होंने पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभाली थी। भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष को लगातार तीन साल के लिए दो कार्यकाल दिए जाने का प्रावधान है। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले नड्डा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में दो दिसंबर 1960 को हुआ था। गृह मंत्री अमित शाह ने नड्डा के कार्यकाल बढ़ाने की जानकारी देते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी 2024 में और बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव जीतेगी और नरेंद्र मोदी एक बार फिर से देश के पीएम बनेंगे। शाह ने कहा कि नड्डा के कार्यकाल बढ़ाने का फैसला पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि नड्डा के कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पेश किया और सर्वसम्मति से नड्डा के नाम पर सहमति बन गई। गौरतलब है कि नड्डा ने 2019 में पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल संभाला था।

पीएम मोदी की मौजूदगी में लगी मुहर
गौरतलब है कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् (एनडीएमसी) के कन्वेंशन सेंटर में सोमवार को शुरू हुई थी। बैठक के पहले दिन पार्टी प्रमुख के रूप में जेपी नड्डा ने सभी कार्यकर्ताओं से कहा था कि इस साल देश के नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट जाएं। बैठक के दूसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यकारिणी में संबोधन हुआ। कार्यकारिणी में लिए गये फैसलों में से सबसे महत्वपूर्ण निर्णय जेपी नड्डा के कार्यकाल को करीब डेढ़ साल का विस्तार देना माना जा रहा है। इस कार्यकारिणी बैठक में पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के करीब 350 वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया, जिसमें पार्टी शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्री और पांच उपमुख्यमंत्री तथा 35 केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी जनसंघ से अलग होकर 1980 में अस्तित्व में आई। पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी थे। जेपी नड्डा जब जनवरी 2020 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए वह 11 वे अध्यक्ष थे।

2020 में निर्विरोध चुने गये थे अध्यक्ष
जगत प्रकाश नड्डा को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पहली बार जनवरी 2020 में निर्विरोध चुना गया। उन्होंने अमित शाह की जगह ली। वह पार्टी के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप मे उनका पहला कार्यकाल 3 वर्षों के लिए था। अमित शाह के मंत्री बनने के बाद जेपी नड्डा इससे पूर्व बतौर कार्यकारी अध्यक्ष 8 महीने तक पार्टी का कामकाज देखते रहे। भाजपा के पार्टी संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति तीन-तीन वर्ष के दो कार्यकाल तक ही अध्यक्ष रह सकता है। प्रत्येक कार्यकारिणी, परिषद, समिति और पदाधिकारियों के लिए 3 साल की अवधि तय की गई है। जेपी नड्डा 1977 से 1979 तक रांची में रहे। उस वक्त झारखंड अलग राज्य नहीं बना था। 1975 में जेपी आंदोलन में भाग लेने के बाद जेपी नड्डा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। 1977 में छात्र संघ चुनाव लड़ा और सचिव बने। पटना से ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की। उनके पिता रांची विश्वविद्यालय के कुलपति थे। 1993 में हिमाचल विधानसभा चुनाव लड़े और जीत के बाद बीजेपी के विधायक दल के नेता बने। 2009 में हिमाचल की राजनीति से निकलकर वह दिल्ली चले आए। भारतीय जनता पार्टी जनसंघ से अलग होकर 1980 में अस्तित्व में आई। पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी थे। जेपी नड्डा जब जनवरी 2020 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए वह 11 वे अध्यक्ष थे।

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