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गणतंत्र समारोह में कर्तव्य पथ पर होगी 17 राज्यों की समृद्ध संस्कृति

यूपी के अयोध्या दीपोत्सव, हरियाणा की गीता महोत्सव व उत्तराखंड की ‘मानसखण्ड’ की झलक

रक्षा मंत्रालय की रंगाशाला में प्रस्तुत की झांकियों की बताई गई महत्ता
LP Live, New Delhi: गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार कर्तव्प्य पथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी में समृद्ध संस्कृति एवं विरासत का प्रतीक अयोध्या दीपोत्सव की झलक नजर आएगी। जबकि हरियाणा की झांकी के माध्यम से पूरी दुनिया श्रीमद्भगवद्गीता के शाश्वत संदेश से रू-ब-रू होता नजर आएगा। वहीं उत्तराखंड की झांकी में कलाकारों द्वारा उत्तराखण्ड की पांरपरिक वेशभूषा के साथ सांस्कृतिक “मानसखण्ड” नजर आएगा।

नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को आयोजित गणतंत्र दिवस पर इस बार इस वर्ष 17 राज्यों की झांकियां अपने अपने राज्य की संस्कृति और परपंरा को प्रस्तुत करेगी। इनमें उत्तर प्रदेश की झांकी में इस बार उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी का अद्वितीय दीपोत्सव रामराज्य के समरस एवं सौहार्द पूर्ण समाज का संदेश संपूर्ण विश्व एवं समस्त मानव जाति तक पहुंचाने का एक पावन, अलौकिकक तथा दिव्य प्रयास है। झांकी के अग्र भाग में दीपों के साथ प्रभु श्रीराम के कुल गुरु ऋषि वशिष्ठ को दर्शाया गया है। दीप जहां अंधकार को हटा कर प्रकाश को फैलाने के साथ ज्ञान के प्रतीक हैं। वहीं ऋषि वशिष्ठ भी भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान की परम्परा के वाहक हैं। झांकी के मध्य भाग में प्रभु श्रीराम के आगमन पर मनाये जाने वाले दीपोत्सव के तहत अयोध्या नगरी को दीप द्वार से सजाया गया है। इसके साथ मध्य भाग में प्रभु श्रीराम के अनुज भरत सहित अन्य परिजन है। झांकी के पृष्ठ भाग में प्रभु श्रीराम, माता सीता एवं लक्ष्मण सहित उनकी सेना पुष्पक विमान से अयोध्या नगरी वापस लौट रही है। सम्पूर्ण अयोध्या में हर्ष और उल्लास का वातावरण है। झांकी के बायें और दायें भाग में राम की पैड़ी, सरयू घाट आदि पर अयोध्या में मनाये जाने वाले भव्य दीपोत्सव को प्रदर्शित किया गया है। वर्ष प्रतिवर्ष अयोध्या दीपोत्सव नये कीर्तिमान रच रहा है। इन प्रयासों का ही परिणाम है कि दीपोत्सव के माध्यम से पर्यटन, आय और रोजगार के नये अवसर उपलब्ध हुए हैं।

म्हारा हरियाणा सबसे न्यारा
कर्तव्य पथ पर देश-दुनिया को गीता के शाश्वत संदेश से रूबरू करवाने के लिए हरियाणा की झांकी को ‘अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव’ की थीम पर रखा गया है, जिसके माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के भी दर्शन होंगे। हरियाणा के कुरुक्षेत्र को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक के रूप में जाना जाता है। यहाँ पवित्र नदी सरस्वती के तट पर वेदों और पुराणों की रचना हुई। इस झांकी में भगवान श्रीकृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुए और उन्हें गीता का ज्ञान देते हुए दिखाया गया है। झांकी की पहली झलक आध्यात्मिकता, कला और इतिहास के दर्शन कराती है। ट्रैक्टर खंड की शुरुआत में भगवान श्रीकृष्ण के ‘विराट स्वरूप‘ के दर्शन होते हैं, जैसा कि युद्ध भूमि पर उन्होंने अर्जुन के सामने प्रदर्शित किया था। विराट स्वरूप की प्रदर्शित प्रतिमा में श्री विष्णु के 9 सिर क्रमशः अग्नि, नृसिंह, गणेश, शिव, विष्णु, ब्रह्मा, अश्विनी कुमार, हनुमान और परशुराम दिखाए गए हैं। दिव्य सर्प सिर ढके हुए हैं। श्री विष्णु दाहिने हाथ में तलवार, त्रिशूल, कमल, सुदर्शन चक्र और बाएं हाथ में शंख, बरछा, धनुष, नाग, गदा आदि लिए हुए हैं। नीचे का पूरा भाग शेषनाग व लहरों को गोलाकार आकार दिया गया है। ट्रेलर अनुभाग में पीछे की ओर कुरुक्षेत्र युद्ध क्षेत्र में चार घोड़ों के साथ एक भव्य रथ बनाया गया है। रथ, घोड़ों और सभी तत्वों को गहन विवरण के साथ दर्शाया गया है। अर्जुन और श्रीकृष्ण के रथ पर सवार मूर्तियों को रंगीन बनाया गया है, जबकि ट्रेलर के बाकी हिस्से को एक ही पार्थिव छाया में बनाया गया है। झांकी में घोड़ों से लेकर रथ तक और यहां तक कि जमीन की धूल भी, हर एक विवरण स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

उत्तराखंड की झांकी ‘मानसखण्ड’
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए उत्तराखंड की झांकी में कलाकारों द्वारा उत्तराखण्ड की पांरपरिक वेशभूषा में राष्ट्रीय रंगशाला में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसे उपस्थित लोगों द्वारा सराहा गया। कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय ‘मानसखण्ड’रखा गया है। झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया है। उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया है। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल सम्मिलित किया गया है। झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित है।

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