प्रणाली से फॉरेंसिक, जेल, कोर्ट व अभियोजन विभाग में तेज़ होगा इंटीग्रेशन का काम
LP Live, Chandigarh: हरियाणा अपराधों पर नियंत्रण करने और अपराधियों के खिलाफ शिकंजा कसने की दिशा में अंबाला जेल के बाद पानीपत के समालखा पुलिस थाने में भी अपराधी खोज प्रणाली आईसीजेएस (इंटर ऑप्रेबल क्रिमिनल जस्टिस सस्टिम) पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में शुरु होगा। वहीं राज्य के सभी थानों में मिलने वाले ‘रुक्के’ का डिज़िटाइज़ेशन किया जाएगा।
यह निर्णय शनिवार को पंचकूला स्थित स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में आयोजित सभी विभागों के साथ हुई बैठक में लिया गया है। बैठक में इस निर्णय की जानकारी देते हुए एससीआरबी/एडीजी ओपी सिंह ने कहा कि अपराधी खोज प्रणाली आईसीजेएस (इंटर ऑप्रेबल क्रिमिनल जस्टिस सस्टिम) के तहत पानीपत समालखा पुलिस थाने में पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम किया जायेगा। जबकि सेंट्रल जेल अम्बाला में जेल विभाग बतौर पायलट प्रोजेक्ट शुरु करेगा। एडीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि प्रदेश पुलिस इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सस्टिम में सम्मिलित अन्य विभागों जैसे फॉरेंसिक लैब के लिए ई-फॉरेंसिक, न्यायालयों के लिए ई-कोर्ट, लोक अभियोजकों के लिए ई-प्रॉसीक्यूशन, जेलों के लिए ई-जेल के साथ मिलकर काम कर रही ताकि क्राइम नहीं, क्रिमिनल की ट्रैकिंग अच्छी तरह से हो सकेगी। बैठक में नर्णिय लिया गया कि ई- प्रिजन को जल्द ही इंटीग्रेट कर लिया जायेगा। इसके लिए ज़रूरी तैयारी जल्द ही पूरी कर ली गई है। ई-प्रिजन के लागू होने से कैदियों के बारे में जानकारी, उनकी प्रोफाइल, वर्तमान स्थिति तुरंत पुलिस को उपलब्ध हो सकेगी।
सिस्टम से अपराधी की होगी खोज
गौरतलब है कि हरियाणा, देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने अपराधी खोज प्रणाली आईसीजेएस (इंटर ऑप्रेबल क्रिमिनल जस्टिस सस्टिम) के तहत अब तक करीब एक करोड़ अपराधियों की तलाश की है। प्रदेश में प्रणाली के माध्यम से अपराधियों को खोजने में सहायता मिलती है और इस प्रणाली के माध्यम से अपराधियों की पहचान करने वाला हरियाणा प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। बैठक में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जॉइंट डायरेक्टर पवन भारद्वाज ने वीडियो कॉल के माध्यम से बताया कि एनसीआरबी जल्द ही आईसीजीएस के अन्य विभागों को लॉगिन आईडी दी जाएगी, ताकि वो इंटीग्रेशन का कार्य पूरा कर सकें।