

केंद्र सरकार के निर्णय को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया। सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद नए सीएम के लिए भाजपा में सहमति न बनने पर राज्यपाल ने केंद्र सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की, जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर इस निर्णय को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी है।
दरअसल मणिपुर में पिछले 2 साल से जातिगत हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत के कारण लंबे समय से मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की जा रही थी। अब विपक्ष भाजपा के कुछ सदस्यों के समर्थन के साथ सीएम के साथ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे थे। इस संभावना के बाद सीएम एन बीरेन सिंह ने नौ फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया, जिसके बाद नए सीएम के लिए संबित पात्रा को प्रभारी के रूप में मणिपुर भेजा गया, जहां कई दौर की बैठक के बाद भी सीएम के पद पर सहमति नहीं बन सकी। इस नेतृत्व संकट के बीच संबित पात्रा इंफाल में राजभवन में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात भी की। इसके बाद पात्रा मणिपुर के राज्यपाल से भी मिले, जिसके बाद राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति से सलाह की और राष्ट्रपति ने इस सिफारिश को मंजूर कर लिया। यानी मणिपुर में अब छह माह के लिए राष्ट्रपति शासन लागू होने की अधिसूचना जारी हो चुकी है।

क्या है राष्ट्रपति शासन की प्रक्रिया?
राष्ट्रपति शासन के लिए राज्यपाल की तरफ से केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजा जाता है। राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से सिफारिश की जाती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का राष्ट्रपति निर्णय लेते हैं। राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए लागू होता है। इसके बाद संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से मंजूरी मंजूरी मिलने के बाद इसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है।
