अपराधछत्तीसगढ़तेलंगानादेशमध्य प्रदेशमिज़ोरमराजस्थान

पांच राज्यों के चुनाव के दौरान जब्त हुई 1760 करोड़ की संपत्ति

पिछले चुनाव के मुकाबले जब्त सामान में हुई सैकड़ो गुना वृद्धि

इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम का रहा प्रवर्तन एजेंसियों से समन्वय
LP Live, New Delhi: भारत निर्वाचन आयोग (के लगातार प्रयासों की बदौलत पांच चुनावी राज्यों मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में बरामदगी में महत्वपूर्ण और अभूतपूर्व तेजी देखी गई है। चुनाव की घोषणा के बाद से पांच चुनावी राज्यों में 1760 करोड़ की नकदी, शराब, मादक पदार्थ तथ्ज्ञा अन्य कीमती सामान की जब्ती की गई है, जो 2018 में इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों में की गई बरामदगी से सात गुना यानी 239.15 करोड़ रुपये अधिक है।

देश के इन पांच राज्यों में चल रहे चुनावों और पिछले कुछ राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान जब्ती के आंकड़े प्रलोभनों की निगरानी करने और समान अवसर के लिए चुनावी बेईमानी को रोकने के हवाले से मजबूत उपायों को लागू करके स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई की सख्त नजर आया। चुनाव आयोग के अनुसार इस बार पांच राज्यों के चुनाव में आयोग ने इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनिटरिंग सिस्टम (ईएसएमएस) के माध्यम से निगरानी प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को भी शामिल किया है, जो पूरी तरह कारगर साबित हो रही है। इन चुनाव में पिछले 2018 के चुनाव के मुकाबले इस बार जब्त नकदी व अन्य सामान में 636 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

तेलंगाना में सर्वाधिक 659 करोड़ की संपत्ति जब्त
चुनाव वाले राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, चुनावों की घोषणा के बाद और 20 नवंबर तक चुनाव में दुरुपयोग के लिए इस्तेमाल होने वाली 1760 करोड़ रुपये कीमत की जब्ती की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा 659.2 करोड़ रुपये का सामान तेलंगाना में जब्त किया गया है, जिसमें 225.23 रुपये की नकदी, 191.02 के आभूषण जैसी धातुएं तथा 87 करोड़ की शराब और 103.52 करोड़ के नशीले पदार्थ भी शामिल हैं। जबकि राजस्थान 650.7 करोड़ की सामग्री में 93.17 करोड़ की नकदी भी बरामद हुई है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 323.7 करोड, छत्तीसगढ़ में 76.9 करोड़ तथा मिजोरम में 49.6 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, आभूषण व अन्य कीमती सामान को जब्त किया गया है।

पर्यवेक्षकों की रही कड़ी निगरानी
आईआरएस, आईसी एंड सीईएस, आईआरएएस, आईडीएएस और अन्य केंद्र सरकार की सेवाओं के 228 अनुभवी अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है। कड़ी निगरानी के लिए, 194 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि निगरानी प्रक्रिया में फील्ड स्तर की टीमों की पर्याप्त उपलब्धता हो और धन-बल के खतरे से निपटने के लिए डीईओ/एसपी और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ नियमित फॉलो-अप किया जाए। चुनाव वाले राज्यों में चल रहे चुनावों के पूरा होने तक कड़ी निगरानी के प्रयास जारी रहेंगे और जब्ती के आंकड़ों में और वृद्धि होने की उम्मीद है।

admin

लोकपथ लाइव वेबसाइड एक न्यूज बेवसाइट है। यहां खबरों के साथ देश के प्रतिभाशाली व्यक्तियों का परिचय भी उनकी उपलब्धियों के साथ कराना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हमारा मकसद आप तक सच्ची खबरें तथ्यों के साथ पहुंचाना है। लोकपथ लाइव पर अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सहित विभिन्न राज्यों के जिलों और गांव तक की ताजा खबरें पढ़ सकते हैं। - प्रधान संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button