राज्य सरकार को जल्द सौंपा जाएगा मसौदा : समिति
LP Live, New Delhi/Dehradun: पीएम मोदी के समान नागरिक संहिता को लेकर बयान पर जहां सियासत गर्म हो रही है, वहीं उत्तराखंड सरकार राज्य में लागू करने की पूरी तैयारी कर चुकी है। मसलन रायशुमारी के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट विशेषज्ञ कमेटी ने यूसीसी का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे समिति राज्य सरकार को सौंपेगी।
नई दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट विशेषज्ञ कमेटी ने समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने की जानकारी दी। देसाई ने कहा कि इस ड्राफ्ट को जल्द ही राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। कमेटी ने कमेटी ने उत्तराखंड के राजनेताओं, मंत्रियों, विधायकों और आम जनता की राय ली है और 2.31 लाख सुझाव के आधार पर यूसीसी के ड्राफ्ट को तैयार किया है। समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने कहा कि विधि आयोग पहले ही इस मुद्दे को लेकर काम करने पर विचार कर रहा है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट ड्राफ्ट कोड के साथ जल्द ही मुद्रित कर उत्तराखंड सरकार को सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा किउत्तराखंड में जो कस्टम प्रैक्टिस हैं, उसको भी इसमें जगह दी गई है। खासबात ये है कि देश के अलग-अलग राज्यों में जो प्रथा चल रही है, उसका भी कमेटी ने अध्ययन किया है। इसी तरह से विदेश में इस तरह से कानून हैं, उसका भी अध्ययन किया गया। इस यूसीसी विशेषज्ञ समिति के अन्य सदस्यों में न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रमोद कोहली, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शत्रुघन सिंह व श्रीमती सुरेखा डंगवाल के अलावा कुलपति दून विश्वविद्यालय मनु गौड शामिल है।
समिति की 20 हजार लोगों से मुलाकात
इससे पहले 2 जून को जस्टिस रंजना देसाई और उत्तराखंड के लिए यूसीसी का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सदस्यों ने विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी और सदस्यों केटी शंकरन, आनंद पालीवाल और डीपी वर्मा से मुलाकात की थी। उस समय जस्टिस रंजना देसाई ने कहा था कि विधि आयोग इस मुद्दे को लेकर काम करने पर विचार कर रहा है। प्रदेश में सब कमेटी ने खुद 143 बैठक की। राज्य सरकार ने पिछले साल 27 मई 2022 को कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी की थी और 30 जून 2023 यूसीसी का मसौदा तैयार कर लिया है। समिति की पहली बैठक 4 जुलाई 2022 को हुई थी और अब तब 63 बार बैठक हो चुकी है 63 बैठक की गई, जिनमें 20 हजार लोगों से भी मुलाकात कर सुझाव लिये गये।
उपसमिति ने भी किया दौरा
समिति के अनुसार लिखित प्रस्तुतियां आमंत्रित करने के साथ ही सार्वजनिक संवाद कार्यक्रम आयोजित करके जनता की राय जानने के लिए पिछले साल एक उप-समिति का गठन किया गया था। उप-समिति ने अपने सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत सीमावर्ती आदिवासी गांव माणा से की और राज्य के सभी जिलों को कवर करते हुए 40 अलग-अलग स्थानों का दौरा किया, जिसका समापन 14 जून 2023 को दिल्ली में एक सार्वजनिक चर्चा में हुआ।