गृह क्लेश की बड़ी वजह बन रहा पति-पत्नी का अहम, पढें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
LP Live, Muzaffarnagar: शादी के बाद रिश्तों को संभालना पति-पत्नियों के बीच बड़ी जिम्मेदारी का काम है, लेकिन आज के समय में रिश्ते टूटने में कई बड़े कारण बन रहे हैं। इसमे दोनों के बीच का आपसी अहम का टकराव और एकल परिवार रिश्तों की डोर को कमजोर कर रहा है।
विशेषज्ञों की राय…
“शादी के बाद पति और पत्नी के बीच धैर्य शक्ति होना बहुत जरूरी है। आज के युग में शादी को सेक्रामेंटल (पवित्र रिश्ता) न मानकर कुछ ने व्यापार समझ लिया है। यह सोच लड़कियों में अधिक हो गई है। इससे रिश्ते कमजोर पड़ते हैं। दोनों पक्ष स्वतंत्र होने के चलते लड़कियों की जिम्मेदारी अब केवल घर तक नहीं रह गई है, जिसके चलते महिलाएं बाहर निकलकर पुरूषों के प्रति असंवेदनहीन हो रही है। यहीं कारण है कि शादी के बाद गृह क्लेश के मामले सामने आ रहे है।“
– शिवानी सचदेवा, युवा अधिवक्ता
“आज कल घरेलू हिंसा से जूडे मामले बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं, जिसका कारण पति-पत्नी दोनों में ही सहनशीलता की कमी और अहम का टकराव है। ऐसे विवादों में कई बार आत्महत्या तक के कदम उठाए जा रहे हैं, जो किसी भी नजरिए से ठीक नहीं है। दोनों को समझदारी से काम लेना चाहिए। ऐसे में यदि एक पक्ष भी झुक जाए तो वह परिवार को बिखरने से बचा सकता है। बिखरे परिवार से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को होता है। माता-पिता में किसी एक से दूर रहने के चलते बच्चें गलत रास्तों पर भी निकल जाते हैं। इस लिए शादी के बाद पति और पत्नी को सहनशीलता के साथ काम करना चाहिए।“
– बीना शर्मा, सदस्य, ऐच्छिक ब्यूरो मुजफ्फरनगर (यूपी)
एकल परिवार ऐसी समस्याओं का जनक
आज के समय में पति-पत्नी अपने माता-पिता से दूर रह रहे हैं, जिस कारण वह परिवार से कट जाते हैं। पति-पत्नी के बीच झगड़े होनेा सामान्य बात है, लेकिन ऐसी परिस्थियों में यह सोचे कि जो आपको परेशान कर रहा है। उसको ठीक नहीं करने के बजाए आप अपने अंदर बदलाव ला सकते हैं। ऐसे में पति या पत्नी कोई भी अपने निकट संबंधियों से मदद लेकर तनाव से बच सकते हैं। जरूरत पड़े तो विधिक सहायता लें। यह समझे कि जिंदगी खत्म नहीं हुई है। ऐसे में एक काउंसलर मदद कर सकता है। खुद को कभी भी फसा हुआ नहीं समझना चाहिए, बातों का शेयर करने से समाधान निकलते हैं।
-डा. अर्पन जैन, मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल मुजफ्फरनगर