कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष के निष्कासन पर नेताओं में रार
निष्कासन पत्र जारी होने के बाद पंडित सुबोध शर्मा ने जानकारी उच्च कांग्रेस नेताओं को दी, जिसके बाद यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर अनुशासन समिति भंग करने की जानकारी साझा की है। वहीं निष्कासन के पत्र को फर्जी बताया है।
LP Live, Muzaffarnagar: कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष गुफरान काजमी को निष्कासित करने को लेकर कांग्रेस नेताओं में ठन गई है। निष्कासन का आदेश अनुशासन समिति के सदस्य ने जारी किया है, जबकि जिलाध्यक्ष ने इसे मानने से ही इंकार कर दिया है। उनका दावा है कि गत 12 जून में अनुशासन समिति भंग हो चुकी है। ऐसे में समिति को किसी पदाधिकारी को निष्कासित करने का अधिकार नहीं है।इसकी पुष्टी के लिए यूपी कांग्रेस का एक ट्रवीट भी जारी हुआ है, जिसमें निष्कासन को फर्जी बताया गया है।
कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पिछले महीने मेरठ में सभी जिलों के पदाधिकारियों के साथ आगामी चुनाव पर बैठक ली थी। इस दौरान बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए अरशद राणा ने कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष गुफरान काजमी की एक आडियो नसीमुद्दीन सिद्दकी को सौंप आरोप लगाया था कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को गाली-गलौज कर रहे हैं। इसके बाद गुफरान काजमी से स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसमें उन्होंने अवगत कराया था कि वह आडियो एडिट कर पेश की गई है। सोमवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पत्र पर पूर्व विधायक एवं अनुशासन समिति सदस्य श्याम किशोर शुक्ला ने गुफरान काजमी को अवगत कराया कि अनुशासन समिति उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है। इसके चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से दो वर्ष के लिए निष्कासित किया जाता है। उधर, जिलाध्यक्ष पंडित सुबोध शर्मा का कहना है कि निष्कासन का जो पत्र जारी हुआ है, वह तीन जुलाई का है, जबकि 12 जून को प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी अनुशासन समिति को भंग कर चुके हैं। इस कारण उन्हें गुफरान काजमी का निष्कासन माना नहीं जा सकता है। निष्कासन पत्र जारी होने के बाद पंडित सुबोध शर्मा ने जानकारी उच्च कांग्रेस नेताओं को दी, जिसके बाद यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर अनुशासन समिति भंग करने की जानकारी साझा की है। वहीं निष्कासन के पत्र को फर्जी बताया है।