

संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर संयुक्त सदन की विशेष बैठक का आयोजन
LP Live, New Delhi: संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरु होगा, जो करीब तीन सप्ताह तक यानी 20 दिसंबर तक चलेगा। संसद सत्र की शुरुआत शुरुआत में लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी।
यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने देते हुए बताया किसंसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर, 2024 तक चलेगा। सत्र की शुरुआत लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। माना जा रहा है कि इस सत्र के दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण काम को अंजाम तक पहुंचाने का प्रयास करेगी, जिसमें भारत और चीन के बीच सीमा पर हुए गश्ती समझौते पर विदेश मंत्री का बयान भी सदन के पटल पर रखा जा सकता है। वहीं शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदनों में कई अहम विधेयकों को पारित कराने के मकसद से पेश किया जाने की उम्ममीद है। बताया जाता है। वहीं शीतकालीन सत्र में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा भी कराई जा सकती है। वहीं इसी सत्र में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने संबंधी विधेयक के भी पेश होने की संभावना है। गौरतलब है कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा। इन महत्वपूर्ण दोनों विधेयकों पर विपक्षी दलों के लगातार विरोधी स्वर गूंज रहे हैं, जिसके कारण शीतकालीन सत्र में हंगामे के आसार से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि संसदीय परिपाटी के अनुसार सरकार सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाकर सदन की कार्यवाही को सुचारु रुप से चलाने के मकसद से सभी मुद्दों पर सहमति कायम करने का प्रयास करेगी।

75वीं वर्षगांठ पर संयुक्त बैठक
सूत्रों के अनुसार 26 नवंबर को संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में विशेष संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाएगा। संविधान के महत्व को रेखांकित करने के लिए सरकार ने व्यापक योजना बनाई है। इसके तहत कई भित्त चित्र का निर्माण, संविधान सभा की बहसों का लगभग दो दर्जन भाषाओं में अनुवाद करना और सार्वजनिक मार्च का आयोजन जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। यह आयोजन ऐसे समय में होने जा रहा है जब सरकार और विपक्ष के बीच संविधान रक्षक बनने और एक दूसरे को संविधान विरोधी साबित करने की होड़ मची है।
जेपीसी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी
सत्र के दौरान हालांकि कई विधेयक पेश किए जाएंगे, मगर सबकी निगाहें वक्फ विधेयक और एक देश एक चुनाव विधेयक पर होगी। वक्फ विधेयक पर सरकार और विपक्ष के बीच जारी जबर्दस्त खींचतान के बीच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। दूसरी ओर एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। दोनों ही विधेयकों का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है।
