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निपुन विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को मिले प्रमाण-पत्र, स्कूल चलो अभियान में सुनी सीएम की बात

LP Live, Muzaffarnagar: कूकड़ा स्थित कंपोजिट विद्यालय में मंगलवार को स्कूल चलो अभियान 2025-26 का शुभारम्भ हुआ। इस दौरान मुजफ्फरनगर में निपुण घोषित हुए स्कूल के प्रधानाध्यापक के सम्मान के साथ उन्हें प्रमाण पत्र दिए। बीएसए ने छात्रों को नए सत्र की किताब वितरण भी की।

कूकडा के कंपोजिट स्कूल में स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल, डीएम उमेश मिश्रा, बीएसए संदीप कुमार आदि ने संयुक्त रूप से किया। प्राथमिक विद्यालय मेघाखेड़ी के बच्चों द्वारा मां सरस्वती वन्दना एवं स्वच्छता अभियान से सम्बन्धित गीत प्रस्तुत किए। इसके बाद सभी शिक्षकों व अधिकारियां ने एलईडी के जरिए बरेली से चला सीएम योगी आदित्यनाथ का अभियान को लेकर चले कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखा। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप कुमार को सुना। इस दौरान राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि स्कूल का सत्र प्रारम्भ होते ही हर शिक्षक-हर जनप्रतिनिधि इस अभियान से जुडकर बच्चों को विद्यालय पहुंचायेगा, यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नही है अपितु समाज की भी जिम्मेदारी बनती है। इस अवसर पर 193 शिक्षकों को निपुण प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। वहीं 10 बच्चों को नवीन सत्र हेतु निःशुल्क पाठ्य पुस्तक किट वितरित की। प्राथमिक विद्यालय कूकड़ा के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 10 बच्चों को रिपोर्ट कार्ड राज्यमंत्री द्वारा दिए गए। इस दौरान बीएसए संदीप कुमार, डायट प्राचार्य संजय रस्तौगी, प्रवक्ता राजीव कुमार, एसआरजी विनित कुमार, उषा रानी, रश्मि मिश्रा सहित समस्त जिला समन्वयक सुशील कुमार, अंकुर कुमार, दीपक कुमार, ईएमआईएस इंचार्ज विपिन कुमार, कम्प्यूटर ऑपरेटर अंकित कुमार आदि मौजूद रहे। उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री बोले- योगी आदित्यनाथ ने कह कि सभी जनप्रतिनिधि इस अभियान से जुडकर बच्चों को विद्यालय पहुंचाएंगे, यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नही है अपितु समाज की भी जिम्मेदारी बनती है, हम सबको इस बात का ध्यान में रखना होगा, उन्होने बताया कि 2017 से पहले बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों की स्थिति अत्यन्त दयनीय थी, तमाम विद्यालय बन्द होने के कगार पर थे। उनमें न फर्नीचर, न पेयजल की व्यवस्था थी और न ही उनमें फर्श बने थे। स्मार्ट क्लास एवं डिजिटल लाइब्रेरी की बात तो बहुत दूर थी उ0प्र0 में 2017 में 1,34,00000 बच्चों न केवल नामांकन कराया था,  जिसमें 60 प्रतिशत बच्चें ऐसे थे, जो कभी विद्यालय नही जाते थे और आज मुझे बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि शिक्षा का कायाकल्प हुआ है।   मुख्यमन्त्री  द्वारा यह भी बताया गया कि मा0 प्रधानमन्त्री जी के कर-कमलों से उ0प्र0 में 16 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की गयी है।

शिक्षा मंत्री बोले- लाइव कार्यकम  बेसिक शिक्षा मन्त्री जी ने कहा कि बच्चों को शिक्षा की मूलधारा से जोड़ने के लिये स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम मुख्यमन्त्री  के कर कमलों से शैक्षिक सत्र 2025-26 के प्रथम दिवस पर आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम केवल स्कूल चलो अभियान को सशक्त बनाने की दृष्टि से नही बल्कि शिक्षा के प्रति  मुख्यमन्त्री  ने जो उनका संकल्प है, उन बच्चों को जो शिक्षा की मुख्यधारा से कहीं ना कहीं छूट गये है। ऐसे ड्रॉप आउट हुए बच्चों एवं जो बच्चें कक्षा-1 से शिक्षा को प्रारम्भ कर अपने जीवन को एक नई दिशा देने के लिये, जिस धारा से जुड़ने जा रहे है। उसको सशक्त और मजबूत बनाने की दिशा में आज इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होने बताया कि आज प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में शिक्षा का बदलता हुआ स्वरूप देखने को मिल रहा है पिछले आठ वर्षों में शिक्षा के बदलते हुए स्वरूप के साथ उत्तर प्रदेश ने परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने का कार्य किया है। आज ऐसा कोई विद्यालय नही है जिसमें बच्चों के पढ़ने के लिये फर्नीचर, क्लास रूम ब्लैक-बोर्ड एवं पेयजल की व्यवस्था न हो। मा0 मुख्यमन्त्री जी ने उ0प्र0 में शिक्षा के प्रति एक अलख जगाने का कार्य किया है।

राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल बोले- कपिल देव अग्रवाल, कौशल विकास एवं व्यवसायिक शिक्षा मन्त्री  ने अपने कहा कि नगर के गरीब परिवार जो मलिन बस्तियों एवं झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे है। उनमें जाकर शिक्षा से वंछित आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिन्हित कर उनका नामांकन समीप के परिषदीय विद्यालयों में प्रवेशित कराया जाये ताकि वें शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सके।

जिंप अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल बोले-अध्यक्ष जिला पंचायत ने बताया कि कोरोना-काल में शिक्षकों द्वारा बच्चों को जिस प्रकार विद्यालय लाया गया। वह अत्यन्त सराहनीय है, उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभार्थीपरक योजनाओं डीबीटी इत्यादि के विषय में भी जानकारी दी। उन्होने बताया कि जो सम्पन्न परिवार है, उन्हें भी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में भेजना चाहिए, जितने भी सरकारी अधिकारी और जन-प्रतिनिधि है। उनको भी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में भेजना चाहिए। यह भी बताया कि हमें सरकारी अस्पताल की सुविधाओं का लाभ प्राप्त करना चाहिये वहां पर अच्छे-अच्छे डॉक्टर एवं सर्जन है एवं समस्त सुविधाएं है। उनके द्वारा कार्यक्रम के सफल आयोजन की प्रशंसा की गयी।

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