उत्तर प्रदेशशिक्षा
Investigation Report: मुजफ्फरनगर की डिजीटल लाइब्ररी पर लापरवाही का ग्रहण
12 दिसंबर 2020 को हुआ था डिजीटल लाइब्रेरी का उद्घाटन। अभी तक किताबे आनलाइन नहीं चढ़ी। पाठकों को लागइन नहीं मिलने से सुविधाओं से वंचित मुजफ्फरनगरवासी
LP Live, Muzaffarnagar: आनलाइन पढ़ाई के दौर में सरकार कर्णधारों को डिजीटल लाइब्रेरी का सपना तो दिखा रही है, लेकिन विभागों धींगामस्ती के चलते योजनाएं तेजी से परवान नहीं चढ़ पा रही है। जनपद के राजकीय पुस्तकालय में डिजीटल लाइब्रेरी के उद्घाटान को दो वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक डिजीटल लाइब्रेरी की सुविधाएं जनपद के पाठकों को नहीं मिल सकी है। इसके चलते पाठक आफलाइन किताबों और वहां बैठकर पढ़ने की सुविधाओं तक ही सीमित है।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महावीर चौक स्थित राजकीय पुस्तकालय बना हुआ है। राजकीय पुस्तकालयों में सुविधाएं बढ़ाने व पाठकों को जोड़ने के लिए जनपद में डिजीटल लाइब्रेरी की सुविधाएं शुरू कराने के प्रयास हुए। इसके चलते लखनऊ से स्वीकृति होने के बाद 12 दिसंबर 2020 में तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. व केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने लाइब्रेरी का उद्घाटन किया था और जनपद के पाठकों के लिए डिजीटल लाइब्रेरी की सौगात मिलने से जनपद के युवाओं की शिक्षा और अधिक बेहतर होने की आस हुई थी। तब से अब तक दो वर्ष से अधिक समय बीत गया, लेकिन अभी तक भी डिजीटल लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों व अन्य डाटा आनलाइन अपडेट नहीं हुआ है, जिस कारण डिजीटल लाइब्रेरी का सपना जिले में अधूरा पड़ा हुआ है। हालांकि की डिजीटल लाइब्रेरी के लिए अलग से कक्ष और कंप्यूटर, इंटरनेट सुविधाएं मिल चुकी है। इसके अलावा दो कर्मचारी भी लाइब्रेरी के लिए दिए गए हैं, जो पुस्तकों को आनलाइन अपडेट करेंगे। जिला पुस्ताकलय की प्रभारी सरोज गुप्ता का कहना है कि आनलाइन किताबें फीड नहीं हुई है, जिस कारण अभी पाठक डिजीटल लाइब्रेरी की सुविधाएंं नही ले सकते है।