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कोचिंग सेंटरों पर शिकंजा कसने की तैयारी में केंद्र सरकार!, गठित की 11 सदस्यीय समिति

उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाला पैनल हर माह सरकार को देंगे रिपोर्ट
LP Live, New Delhi: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रतियोगी परीक्षार्थियों की कोचिंग सेंटरों पर निर्भरता कम करने के मकसद से कोचिंग सेंटरों की संख्या को समित करने और कोचिंग सेंटरों की सफलता की कहानी को लेकर भ्रामक विज्ञापनों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। इस संबन्धी में उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो हर माह शिक्षा मंत्री को अपनी रिपोर्ट देगी।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित यह समिति को कोचिंग सेंटरों के ‘भ्रामक दावों’ और चुनिंदा ‘सफलता की कहानियों’ को बढ़ावा देने जैसी ‘विज्ञापन प्रथाओं’ की समीक्षा करने का भी काम सौंपा गया है। समिति यह भी आकलन करेगी कि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग और अच्छे संस्थानों में सीमित सीटों के कारण छात्र कोचिंग संस्थानों की ओर क्यों भाग रहे हैं। वहीं कोचिंग सेंटरों से जुड़ी स्कूलों में कमियां, अच्छे संस्थानों में सीमित सीटें और प्रतियोगी परीक्षाओं का कोचिंग उद्योग पर प्रभाव जैसी कई चिंताओं पर विचार करेगी। समिति का फोकस इस बात पर भी होगा कि स्कूलों में क्या कमियां हैं? जिसके कारण छात्रों को कोचिंग सेंटरों पर निर्भर रहना पड़ता है। विशेष रुप से स्कूलों में क्रिटिकल थिंकिंग, लॉजिकल रीजनिंग, एनालिटिकल स्किल्स और इनोवेशन पर कम ध्यान और रटने की प्रथा भी एक बड़ी समस्या का भी पता लगाएगी। वहीं समिति ऐसे ‘डमी स्कूलों’ की भी खोज करेगी, जो स्कूल छात्रों की औपचारिक शिक्षण संस्थानों की औपचारिक शिक्षा को कम आंककर उसकी कीमत पर फुल-टाइम कोचिंग के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करते आ रहे हैं।

कोचिंग की निर्भरता कम करने का प्रयास
केंद्र सरकार की इस पहल का मकसद छात्रों और अभिभावकों के बीच करियर के विभिन्न विकल्पों के बारे में जागरूक करने की दिशा में मंत्रालय के 17 जून के आदेश के अनुसार उच्च शिक्षा सचिव जोशी की अध्यक्षता वाली समिति को कोचिंग से जुड़े सभी ‘मुद्दों पर विचार करने और छात्रों की कोचिंग पर निर्भरता को कम करने की दिशा में काम करने’ का काम सौंपा गया है। दरअसल अभिभावक और छात्र कुछ ही गिने-चुने संस्थानों पर भरोसा करके कोचिंग का रुख करते हैं। ऐसे पहलुओं के साथ यह समिति स्कूलों और कॉलेजों में करियर काउंसलिंग सेवाओं की उपलब्धता और प्रभावशीलता का भी मूल्यांकन करेगी।

समिति में कौन कौन शामिल
शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा समिति सचिव विनीत जोशी की अध्यक्षता में गठित समिति में सीबीएसई के अध्यक्ष, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, एनआईटी त्रिची और एनसीआरटी के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और निजी स्कूल के तीन प्रिंसिपल भी समिति का हिस्सा होंगे।

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