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रक्षा बंधन पर भद्रा का साया, इस समय नहीं बांधे राखी

LP Live, Muzaffarnagar: : रक्षाबंधन पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भद्रा का समय त्याग कर रक्षा सूत्र बांधाना ही शास्त्रों में बताया गया है। महामृत्युंजय सेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव शंकर ने बताया कि सोमवार को दोपहर 1:31 तक भद्रा व्याप्त है। इसलिए शास्त्रोंक्त विधि से तो रक्षा सूत्र 1:31 दोपहर के बाद ही बांधे तो अति उत्तम रहेगा। उन्होंने बताया कि अति आवश्यक परिस्थितियों में भाद्रा के पुच्छ काल प्रातः 9:51 से10:54 में भी रक्षा सूत्र बांधा जा सकता है। रक्षा सूत्र बहने अपने हाथ से बनाऐ तो अति उत्तम है और रक्षाबंधन सूत्र बांधते समय इस मंत्र का उच्चारण करें तो दोनों की उन्नति एवं विजय होगी। यह मंत्र येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल: ।। इसका अर्थ है जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बांधता हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा ।

वहीं;  मुज़फ्फरनगर के भोपा रोड़ पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक संस्थान विष्णुलोक के संचालक पंडित विनय शर्मा ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन का पावन पर्व 19 अगस्त 2024 दिन सोमवार को है। भारतीय पर्व श्रृंखला में श्रावण पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन से कई इतिहास जुड़े हुए हैं जैसे- गायत्री जयन्ती, उपाकर्म रक्षाबंधन, अमरनाथ शिव का अन्तिम दर्शन, सत्यनारायण व्रत तथा शिव पुराण की पूर्णाहुति आदि। पंडित विनय शर्मा ने बताया कि 19 अगस्त 2024 को दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक भद्रा रहेगी। भद्राकाल में रक्षा बंधन पर्व निषेध माना जाता है। इसलिए रक्षा बंधन का पावन पर्व 19 अगस्त 2024 को दोपहर 1 बजकर 30 मिनट के बाद ही मनाना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।

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