अपराधउत्तर प्रदेश

मुज़फ्फरनगर दंगे के 7 आरोपी साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से बरी

LP Live, Muzaffarnagar: दंगे के सात आरोपियों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। आरोपियों पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप था। वही इस मामले में अन्य आरोपों में सभी आरोपी पहले ही बरी हो चुके है। शासन के आदेश पर धार्मिक उन्माद फैलाने का ।मुकदमा चला था।
7 सितंबर 2013 को जनपद में सांप्रदायिक दंगा भड़का था ।शहर से लेकर देहात तक जमकर बवाल हुआ था। 8 सितंबर 2013 को फुगाना थाना क्षेत्र के गांव बहावड़ी अब वर्तमान में शामली जनपद में शामिल में जमकर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। गांव बहावड़ी निवासी एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि 8 सितंबर 2013 को कुछ लोगों ने उसके घर में घुसकर डकैती, तोड़फोड़ व आगजनी की थी। इस मामले में गांव के ही सात आरोपियों के खिलाफ सगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। एसआईटी ने विवेचना करते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ डकैती, तोड़फोड़ व धार्मिक उन्माद फैलाने के मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता राहुल चौधरी ने बताया कि सभी आरोपियों पर शासन के आदेश पर धार्मिक उन्माद फैलाने का मुकदमा देरी से चला ।इस कारण इस मुकदमे की फाइल अलग कर दी गई थी, जबकि अन्य धाराओं में आरोपी पहले ही साक्ष्य के अभाव में बरी हो चुके हैं ।मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 4 के न्यायाधीश कनिष्क कुमार की कोर्ट में हुई। न्यायाधीश ने धार्मिक उन्माद फैलाने के मामले में गांव बहावड़ी निवासी बिट्टू, अनिल, पंकज पवन समेत सात आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

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