हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस के बागी विधायकों को नहीं मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने छह विधायकों की अयोग्यता को बरकरार रखा
LP Live, New Delhi: राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस से बगावत करने वाले छह विधायकों की अयोग्यता को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके मामले में विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय, विधानसभा सचिवालय और इन सभी विधायकों को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के अयोग्य घोषित करने के फैसले के खिलाफ के दायर याचिका पर सुनवाई हुई है। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की है। 6 बागी विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखनपाल और देवेंद्र कुमार शामिल हैं। बागी विधायकों की ओर से वकील हरीश साल्वे कोर्ट में मौजूद रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें व्हिप नहीं मिली और चुनाव में क्रास वोटिंग हुई। गौरतलब है कि विधानसभा में इस फैसले को बागी कांग्रेस के उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद बागी उम्मीदवारों को कोई राहत नहीं मिली और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा तथा विधायकों की याचिका पर नोटिस भी जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पीकर कार्यालय और विधानसभा सचिवालय को यह नोटिस जारी किया गया है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्तों में जवाब मांगा है।
क्या था मामला
दरअसल राज्यसभा के लिए एक सीट पर पिछले महीने हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था, जिसके कारण कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को पराजय मिली और भाजपा प्रत्याशी जीत गया। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में आए प्रस्ताव के बाद बहुमत के साथ कांग्रेस के सभी छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। विधानसभा में इस फैसले को बागी कांग्रेस के उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली।