LP Live, Chandigarh: हरियाणा विधान सभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को दो विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन (संशोधन) विधेयक,2023 व हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक,2023 शामिल हैं।
हरियाणा विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सोमवार को हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन अधिनियम,2017 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन (संशोधन) विधेयक,2023 पारित किया गया है। इसके तहत, हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन अधिनियम, 2017 के अधिनियम 35 की धारा 2 व 3 में संशोधन किया गया है। प्रदेश में पहली जुलाई, 2017 से जीएसटी कानून के तहत एक नयी कराधान प्रणाली लागू की गई। आबकारी व कराधान विभाग द्वारा प्रदत कानूनों के तहत कर, जुर्माना और शास्ति सहित बकाया भारी राशि देय है, जिसे कई स्तरों पर विवादित मांगों एवं बकाया देनदारों की कमजोर वत्तिीय स्थिति के कारण वसूल कर पाना कठिन है। कम बकायों एवं मुकदमेबाजी से मुक्त जीएसटी शासन में आगे बढऩे और बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने के लिए हरियाणा राज्य में विभाग द्वारा प्रशासित विभन्नि नियमों के तहत व्यवस्थापन स्कीम लागू करने की आवश्यकता महसूस की गई। इसलिए हरियाणा बकाया देय व्यवस्थापन अधिनियम, 2017 (2017 का हरियाणा अधिनियम संख्या 35) की धारा 2( र्र) बकाया देय तथा धारा 3 में विभाग द्वारा प्रस्तावित संशोधन को मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा मंत्रिमंडल की प्रत्यायोजित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 13 दिसम्बर,2023 को मंजूरी दे दी गई है।
निजी विश्वद्यिालय (संशोधन) विधेयक
वहीं सदन में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम,2006 को आगे संशोधित करने के लिए हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक,2023 पारित किया गया। राज्य के युवाओं को उच्चतर शक्षिा में बेहतर अवसर प्रदान करने हेतू शैक्षणिक संस्थाओं के वस्तिार की अत्यंत आवश्यकता है। उच्चतर शक्षिा में विद्यार्थियों की अप्रत्याशित वृद्धि को समायोजित करने की व्यवस्था में और 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात राष्ट्रीय शक्षिा नीति, 2020 के अनुसार प्राप्त करने के लिए भी हमें सभी स्तरों पर वर्ष 2030 तक संस्थाओं की संख्या में वृद्धि करने की आवश्यकता है।
उच्चतर शक्षिा में इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार का हस्तक्षेप पर्याप्त नहीं होगा। हमें निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रमुख रूप में शामिल करने की आवश्यकता है। उच्चतर शक्षिा और इसके मानकों के पैमाने की क्षमता का वस्तिार करने में सरकार की पहल के अनुपूरक में हरियाणा निजी वश्विवद्यिालय अधिनियम, 2006 को अनिवार्यत: लाया गया है। इसके अतिरक्ति अधिनियम में वर्णित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतू जिला झज्जर में संस्कार विश्वविद्यालय स्थापित करने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव का प्रतिपादन किया गया है।