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सोमवार से शुरु संसद के बजट सत्र में हंगामे के आसार

केंद्र सरकार भी विपक्ष को माकूल जवाब देने को तैयार

सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने नीट से लेकर कावड़ यात्रा तक के उठे मुद्दे
LP Live, New Delhi: संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने कई मुद्दे उठाते हुए चर्चा कराने की मांग की। संसद के बजट सत्र में जहां विपक्ष ने सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति तैयार की है। वहीं सरकार भी विपक्षी दलों को माकूल जवाब देने की तैयारी के साथ संसद में आएगगी, जिसके सामने सरकारी बजट और सरकारी कामकाज निपटाने की चुनौती होगी।

सोमवार से शुरु होने वाले बजट सत्र के लिए लोकसभा सचिवालय के अनुसार 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों की 16-16 बैठकें होंगी। पहले दिन सोमवार यानी 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। जबकि दूसरे दिन 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश करेंगी। इस सत्र के लिए सरकार के एजेंडे में छह विधेयक और सरकारी कामकाज है। संसद सत्र से एक दिन पहले रक्षामंत्री राजनाथ की अध्यक्षता में सरकार ने सर्वदलीय बैठक की। केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान सहित कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे। जबकि विपक्षी दलों में कांग्रेस के जयराम रमेश, गौरव गोगोई, के. सुरेश और प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, राजद के अभय कुशवाहा, जदयू के संजय झा, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, डीएमके से तिरुचि शिवा एवं टी.आर. बालू, आप से संजय सिंह और एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य राजनीतिक दलों से भी कई नेता बैठक में मौजूद हैं। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस से कोई भी नेता शामिल नहीं हुए।

संसद सत्र में सरकार का एजेंडा
सरकार आगामी इस सत्र के दौरान, केंद्रीय बजट पारित करवाने के अलावा वित्त (नंबर 2) विधेयक, 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024,  बॉयलर बिल, 2024,  भारतीय वायुयान विधायक, 2024, कॉफ़ी (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2024 तथा रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक, 2024 के अलावा वित्तीय कार्य में केंद्रीय बजट, 2024-25 पर सामान्य चर्चा,  2024-25 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित/वापसी के अलावा  वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित/वापसी करवाने का प्रयास करेगी। वहीं सरकार जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र का अलग से बजट भी पेश किया जाएगा, जिसे चर्चा के बाद पारित करवाना भी सरकार के एजेंडे में शामिल है। सर्वदलीय बैठक में सरकार ने दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों को सत्र के सरकार के एजेंडे और विधेयकों के बारे में जानकारी दी। वहीं सरकार ने बैठक में विपक्षी दलों से संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलने देने का भी अनुरोध किया जाएगा। विपक्षी दल भी अपने-अपने एजेंडे सामने रखेंगे, जिन पर वे सदन में चर्चा चाहते हैं। सरकार ने आश्वासन दिया कि विपक्ष के मुद्दों पर भी सरकार गौर करेगी।

विशेष राज्य के दर्जे से कांवड़ यात्रा तक मुद्दे
जहां वाईएसआरसीपी सांसद विजय साई रेड्डी ने आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग उठाई और आंध्र प्रदेश में कानून व्यवस्था के बिगड़ने के आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। वाईएसआरसीपी ने कहा कि टीडीपी राज्य के मुद्दे नहीं उठा रही है और उसने समझौता कर लिया है। बैठक में एनडीए में शामिल सरकार की सहयोगी जेडीयू से संजय झा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। जेडीयू ने कहा कि अगर विशेष राज्य का दर्जा देने में कोई दिक्कत है तो फिर बिहार को विशेष पैकेज दिया जाए। विपक्षी पार्टी राजद ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। बीजू जनता दल ने सर्वदलीय बैठक में ओडिशा को भी विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया। कांग्रेस ने इसके साथ ही नीट मामले पर भी सदन में चर्चा की मांग की।

सपा के रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नामपट्टिकाओं का मुद्दा उठाया। जबकि आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि ईडी और सीबीआई का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है, केजरीवाल और उनके दो दो मंत्रियों को गिरफ्तार करके जेल में रखा गया है। विपक्षी दलों के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान नामपट्टिका लगाने का मामला भारत के संविधान के विपरीत बताते हुए कहा कि ये इस देश के दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। बैठक में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चार मुद्दे उठाए।

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