महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर: शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री बने अजीत पवार
एनसीपी से अजीत पवार के साथ 40 विधायकों आए शिंदे सरकार के साथ


बगावत कर आए एनसीपी के आठ विधायकों को भी दिलाई गई मंत्री पद की शपथ
LP Live, Mumbai: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जहां विपक्ष की एकजुटता के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानि एनसीपी के प्रमुख शरद पवार सबसे आगे नजर आ रहे हैं, वहीं उनकी पार्टी में पड़ी फूट के बाद उनके भतीजे अजीत पवार अपने समर्थक 40 एनसीपी विधायकों के महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गये हैं। यही नहीं अजीत पवार ने शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री की शपथ भी ले ली है, जिनके साथ आठ एनसीपी विधायकों ने भी मंत्रिमंडल के सदस्य के रुप में शपथ ली।
रविवार को महाराष्ट्र की राजनीति में इतना बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब अजित पवार एनसीपी में बगावत करके अपने समर्थक 40 विधायकों के साथ शिंदे सरकार के साथ आ गये। एनडीए में शामिल होने के बाद अजीत पवार ने राजभवन में शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली है। पवार के साथ एनसीपी के आठ और विधायकों को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल की शपथ लेने वाले आठ विधायकों में छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरीफ, धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, अनिल पाटिल बड़े नाम शामिल हैं। शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा कि कि एनसीपी के एनडीए में शामिल होने के बाद अब महाराष्ट्र में ट्रिपल इंजन सरकार बन गई है। इस शपथ ग्रहण समारोह में सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस भी शामिल रहे।

अजीत समेत 40 विधायकों ने छोड़ा शरद पवार का हाथ
भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 53 में से 40 विधायक राज्य सरकार का समर्थन कर रहे हैं। बावनकुले राकांपा नेता अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। शरद पवार नीत पार्टी के आठ विधायकों ने शिवसेना और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है। शरद पवार के खेमे में अब केवल 13 विधायक ही रह गये हैं।
अब चुनाव चिन्ह पर होगा विवाद
राकांपा से बगावत करके 53 में से 40 विधायकों के एनडीए के साथ आने पर अब अजीत पवार एनसीपी के चुनाव चिन्ह को लेकर शरद पवार को ठीक उसी प्रकार चुनौती देंगे, जिस प्रकार शिव सेना से एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थकों को लेकर भाजपा से गठबंधन करने के बाद उधव ठाकरे को चुनौती दी थी। शपथ ग्रहण करने के बाद इस अजीत पवार ने स्पष्ट किया कि अगल चुनाव चिन्ह एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर ही लड़ा जाएगा।
