यूपी: डेंगू से होने वाली मृत्यु दर में 94.5 प्रतिशत की आई कमी
किसानों की योजनाओं को प्राथमिकता के साथ लागू किया: योगी


कृषि उत्पादन क्षेत्र में लगातार वृद्धि, फसल बीमा योजना में 9.33 लाख किसानों को दिया लाभ
LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की अवधारणा को गति देते हुए सरकार जिस प्रकार काम का रही है, उसी का नतीता है कि प्रदेश में डेंगू से होने वाली मृत्यु दर में 94.5 प्रतिशत और मलेरिया से होने वाली मृत्यु दर में 56 फीसदी कमी दर्ज की गई। योगी सरकार ने किसानों के हित में अनेक योजनाओं को लागू करके उनकी आर्थिक व्यवस्था को सुधारने का काम भी किया है।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बोलते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वहीं देशभर में यूपी ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक गोल्डन कार्ड जारी किये गये हैं। उन्होंने राजकीय क्षेत्र के तहत संचालित सरकारी मेडिकल कॉलेजों में वर्ष 2017 में मात्र 1,990 एमबीबीएस की सीटें थीं, जिसे बढ़ाकर 5,250 किया गया है। वहीं निजी मेडिकल कॉलेज-संस्थानों में सीटों की संख्या 2,550 को बढ़ाकर 6,550 किया गया है। राजकीय क्षेत्र के तहत पीजी सीटों की संख्या 2017 में 741 थीं, उसे बढ़ाकर 1,871 किया गया है। इसी तरह निजी क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेज-संस्थानों में 2017 में सीटों की संख्या 480 थीं, उसे बढ़ाकर 2,100 किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी सीटों की संख्या जो वर्ष 2017 में 120 थी, इसके सापेक्ष 250 कर दी गयी है। वहीं एसजीपीजीआई में आठ नए विभाग के कार्यक्रम भी प्रारंभ हुए हैं।
किसानों के हित में क्रांतिकरी निर्णय
सीएम ने कहा कि 2017 में पहली कैबिनेट बैठक में 86 लाख किसानों का 36,000 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया था। अब तक 1.65 करोड़ किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 2017 के बाद बिचौलियों के बजाए सीधे अपनी फसल सरकार को बेच रही है। प्रदेश में 2016-17 में प्रति हेक्टेयर 22.27 क्विंटल खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 2023-24 में बढ़कर 30.51 क्विंटल हो गया है। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 28.58 लाख किसानों ने 19.84 लाख हेक्टेयर भूमि का बीमा कराया, जिसमें 9.33 लाख किसानों को 495.41 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दी गई। गन्ना उत्पादन भी 2016-17 में 20.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से बढ़कर 29.6 लाख हेक्टेयर हो गया है। गन्ने की प्रति हेक्टेयर पैदावार 72 टन से बढ़कर 85 टन हो गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 के पहले 22 वर्षों में जितना गन्ना मूल्य भुगतान हुआ था, उससे अधिक केवल सात वर्षों में किया गया है। 2017 से अब तक 2.73 लाख करोड़ रुपये गन्ना किसानों को भुगतान किए जा चुके हैं।

प्रदेश में 120 चीनी मिलें संचालित
राज्य में वर्तमान में 120 चीनी मिलें संचालित हैं, जिनमें 39 नई चीनी मिलें स्थापित की गई हैं और 6 पुरानी मिलों का पुनः संचालन हुआ है। 38 चीनी मिल का विस्तार हुआ है और लगभग 1.25 लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के साथ जुड़े हुए हैं। वहीं 285 खांडसारी इकाइयों की स्थापना के माध्यम से 41800 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। एथेनॉल उत्पादन में 42 करोड़ लीटक से बढ़कर के 2023-2024 में बढ़कर के 77 करोड़ लीटर का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश में 31 हजार सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने से 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर की अधिक सिंचन की क्षमता भी अर्जित की गई है, जिसके माध्यम से 46 लाख 69 हजार कृषक इसके माध्यम से सीधे-सीधे लाभान्वित हुए हैं। इसके अलावा पीएम कुसुम योजना के तहत इस सत्र में 53 हजार से अधिक किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध करवाने की कार्यवाही भी सरकार आगे बढ़ने जा रही है।
प्रदेश में 1.88 लाख नए निजी नलकूप कनेक्शन
सीएम योगी ने कहा कि ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ने प्रदेश की तस्वीर बदल दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसीलों में 22 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। साल 2017 से अब तक 24,800 करोड़ रुपये की लागत से 193 नए सब-स्टेशन का निर्माण किया गया है। वहीं प्रदेश में 9926 नए ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए, 28,602 ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई और 1,88,000 निजी नलकूपों को बिजली कनेक्शन दिए गए। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कुल 288 मेगावाट की ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं की क्षमता बढ़कर 2653 मेगावाट हो गई हैं।
