

समकालीन भारत के अध्ययन में पोलैंड के विद्वानों और छात्रों के बीच बढ़ती रुचि सराहनीय
LP Live, New Delhi: संसद के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को पोलैंड की संसद की विदेश कार्य संबंधी समिति के अध्यक्ष पावेल कोवल के नेतृत्व में पोलैंड के एक संसदीय शिष्टमंडल ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश से भेंट की। इस दौरान हुई बैठक में भारत और पोलैंड के बीच विशेषकर संसदीय सहयोग के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए सार्थक चर्चा हुई।
संसद परिसर में पोलैंड के संसदीय शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भारत और पोलैंड के बीच संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि पोलैंड मध्य यूरोप में भारत का अति महत्वपूर्ण साझेदार है और विगत कुछ वर्षों में इन संबंधों ने राजनैतिक आदान-प्रदान, व्यापार और निवेश तथा लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों ने नए आयाम जोड़े हैं। हरिवंश ने चिरकालिक संबंधों पर कहा कि वर्ष 2024 भारत और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ एक ऐसा मील का पत्थर है, जो द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने तथा अपनी गहन मित्रता, जो रणनीतिक साझेदारी में बदल गई है, का उत्सव मनाने का बहुमूल्य अवसर प्रदान करता है। इसी का परिणाम है कि दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और प्रौद्योगिकी सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग में संवृद्धि के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ। बैठक में संसद सदस्य भुबनेश्वर कलिता, पी. विल्सन, श्री रामजी, श्रीमती गीता उर्फ चन्द्रप्रभा और श्रीमती ममता मोहंता तथा राज्य सभा के महासचिव पी.सी. मोदी आद भी मौजूद रहे।

विधि-निर्माताओं के बीच सहभागिता पर बल
उपसभापति हरिवंश ने भारत और पोलैंड के विधि-निर्माताओं के बीच संसदीय सहभागिता पर जोर देते हुए कहा कि पोलैंड की संसद में भारत और पोलैंड संसदीय मैत्री समूह का गठन इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के आदान-प्रदान के परिणामस्वरूप भारतीय संसद सदस्यों को पोलैंड की पारस्परिक यात्रा करने के लिए प्रेरणा मिलेगी, जिससे अंतर-संसदीय सहयोग सुदृढ़ होगा और द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ होंगे।
शैक्षणिक आदान प्रदान
हरिवंश ने समकालीन भारत के अध्ययन में पोलैंड के विद्वानों और छात्रों में बढ़ती रुचि का स्वागत किया और सांस्कृतिक तथा लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए घनिष्ठ शैक्षणिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया। हरिवंश ने यह आशा व्यक्त की है कि पोलैंड के संसदीय शिष्टमंडल की यह यात्रा, भारत और पोलैंड के बीच साझेदारी को और सुदृढ़ बनाएगी तथा इससे तेज़ी से समृद्ध हो रहे द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलेगी।
