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ब्रिक्स वैश्विक शासन व्यवस्था में सुधार करने के लिए प्रयासरत है: ओम बिरला

प्रगति और सतत विकास के एजेंडा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं सांसद

अंतर-संसदीय सहयोग में ब्रिक्स देशों के बीच साझेदारी और अधिक समावेशी होगी
LP Live,Sent Peetarsabarg: रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में 10वें ब्रिक्स संसदीय मंच में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने समावेशी और सतत विकास के ब्रिक्स के एजेंडा को आगे बढ़ाने में संसदों और सांसदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, जिसमें भारत सक्रिय रूप से भागीदारी करता आ रहा है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंच के पहले पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए ‘ब्रिक्स संसदीय आयाम: अंतर-संसदीय सहयोग को सुदृढ़ करने की संभावनाएं’ विषय पर कहा कि विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला ब्रिक्स वैश्विक शासन व्यवस्था को और अधिक लोकतान्त्रिक बनाने तथा वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उभरते बाजारों और विकासशील देशों को एकजुट करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के साथ ही परस्पर सम्मान, समझ, समानता, एकजुटता, पारदर्शिता, समावेशिता और आम सहमति के सिद्धांतों के प्रति भारत की निष्ठा के बारे में भी बात की। बिरला ने बैठक में कहा कि हाल ही में संपन्न लोक सभा चुनाव में लगभग 65 करोड़ मतदाताओं ने वोटिंग की और जिसके पश्चात नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधान मंत्री पद की शपथ ली। वहीं उनका भी सौभाग्य है कि देश के निर्वाचित सदन लोक सभा ने उन्हें लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर पद पर निर्वाचित किया।

भारतीय संसदीय शिष्टमंडल में राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश; राज्यसभा सदस्य शंभू शरण पटेल, लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह, राज्य सभा के महासचिव पी.सी. मोदी शामिल हैं। लोक सभा सचिवालय में संयुक्त सचिव अंजनी कुमार शिष्टमंडल के सचिव हैं।

जी-20 शिखर सम्मेलन भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि पिछले वर्ष नई दिल्ली में 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन और जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के नौवें शिखर सम्मेलन (पी-20) के सफल आयोजन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की मेजबानी में पिछले वर्ष नई दिल्ली में 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन और जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के नौवें शिखर सम्मेलन (पी-20) के सफल आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का ये ऐतिहासिक आयोजन विश्व कल्याण और समावेशी विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से संयुक्त प्रयास करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एजेंडा 2030, सतत ऊर्जा परिवर्तन, महिला-पुरुष समानता और सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के बारे में नई दिल्ली में आयोजित पी-20 शिखर सम्मेलन में पीठासीन अधिकारियों द्वारा साझा किए गए विचारों और प्रस्तावों से समावेशी और सतत विकास के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा

चार नए सदस्य देश शामिल
ब्रिक्स संसदीय मंच में शामिल हुए चार नए सदस्यों के रुप में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का स्वागत करते हुए बिरला ने नए सदस्यों को संगठन में निर्बाध रूप से शामिल किए जाने के लिए रूस के अध्यक्ष की सराहना की। ब्रिक्स के सदस्य देशों और अन्य बहुपक्षीय मंचों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देते हुए बिरला ने कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ अर्थात समस्त संसार एक परिवार है के सिद्धान्त पर चलता है जो ब्रिक्स द्वारा अभिव्यक्त समानता, एकजुटता और परस्पर लाभकारी सहयोग की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। ब्रिक्स संसदीय मंच को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बिरला ने कहा कि भारत परस्पर सहयोग और एकजुटता बढ़ाने, वैश्विक शासन व्यवस्था और बहुपक्षीय संगठनों में सुधार करने, आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने और सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए ब्रिक्स संसदों के बीच सहयोग का पक्षधर है।

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