प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित होंगे 19 बच्चें
22 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु देंगी पुरस्कार
23 जनवरी को पुरस्कार विजेता बच्चों से पीएम मोदी करेंगे बातचीत
18 राज्यों के पुरस्कार विजेताओं में 9 लड़के और 10 लड़कियां शामिल
LP Live, New Delhi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आगामी 22 जनवरी को 19 असाधारण बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 जनवरी को पुरस्कार विजेताओं से बातचीत करेंगे। इस वर्ष आसाधारण उपलब्धि हासिल करने पर 18 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के नौ बालकों व दस बालिकाओं को सम्मानित किया जाएगा।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 22 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु देश में इन 19 असाधारण बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। इस वर्ष आसाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले ये बच्चे पांच से आठ वर्ष आयुवर्ग के हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 जनवरी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे। जबकि 24 जनवरी को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी भी राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई की मौजूदगी में बच्चों के साथ बातचीत करेंगी और उन्हें उनकी संबंधित श्रेणियों में उनके अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए बधाई देंगी। जबकि ये सभी बच्चे 26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री राष्ट्री य बाल पुरस्कायर देश के सभी क्षेत्रों से चुने गए 19 बच्चोंर को कला और संस्कृ्ति (7), वीरता (1), नवाचार (1), विज्ञान और प्रौद्यगिकी (1), समाज सेवा (4) और खेल (5) के क्षेत्र में उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए प्रदान किया जा रहा है। पुरस्कार विजेताओं में 2 आकांक्षी जिलों सहित 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 9 लड़के और 10 लड़कियां हैं।
उत्तर प्रदेश के दो बच्चे शामिल
महाराष्ट्र के आदित्य विजय ब्रम्हणे (मरणोपरांत) को वीरता, उत्तर प्रदेश की अनुष्का पाठक, पश्चिम बंगाल के अरिजीत बनर्जी, छत्तीसगढ़ के अरमान उबरानी, गुजरात के हेतवी कांतिभाई खिमसूरिया, जम्मू कश्मीर के इशफाक हामिद, बिहार के एमडी हुसैन एवं तेलंगाना की पेंड़याला लक्ष्मी प्रिया को कला एवं संस्कृति, दिल्ली की सुहानी चौहान को नवाचार, राजस्थान के आर्यन सिंह को विज्ञान प्रौद्योगिकी, मध्य प्रदेश के अवनीश तिवारी, हरियाणा की गरिमा, त्रिपुरा की ज्योत्सना अख्तर एवं असम के संयम मजूमदार को सामाजिक सेवा, उत्तर प्रदेश के आदित्य यादव, कर्नाटक के चार्वी ए, अरुणाचल प्रदेश की जेसिका नेयी सरिंग, मणिपुर के लिन्थोई चनांबम और आंध्र प्रदेश के आर सूर्य प्रसाद को खेल के क्षेत्र में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2024 के लिए चयनित किया गया है।
इसलिए दिया जाता है पुरस्कार
भारत सरकार बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) पुरस्कार प्रदान करती है। यह पुरस्कार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को सात श्रेणियों में कला और संस्कृति, वीरता, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा तथा खेल में उनकी उत्कृष्टता के लिए प्रदान किए जाते हैं, जो राष्ट्रीय मान्यता के पात्र हैं। पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक और एक प्रमाणपत्र दिया जाता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी)-असाधारण योग्यताओं और उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए बच्चों को दिया जाता है। राष्ट्रीय स्तर के ये पुरस्कार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को बहादुरी, कला और संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा और खेल जैसी सात श्रेणियों में उनकी उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं। पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, प्रमाण पत्र और एक प्रशस्ति पुस्तिका दी जाती है।
चयन के लिए क्या है प्रक्रिया
मीडिया सामग्री के माध्यम से पिछले 2 वर्षों से डेटा क्रॉलिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया था। योग्य उम्मीदवारों की सिफारिश करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) का भी सहारा लिया गया। दावों की सत्यनिष्ठा की जांच और सत्यापन जिला मजिस्ट्रेटों और डोमेन विशेषज्ञों सहित कई माध्यम से किया गया, जिसके बाद एक स्क्रीनिंग समिति बनाई गई जिसमें सामाजिक सेवा, पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला एवं संस्कृति, खेल आदि जैसे विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ शामिल थे। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद चुने गए प्रोफाइल की फिर से संगीत नाटक अकादमी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान तथा भारतीय खेल प्राधिकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों के राष्ट्रीय स्तर के स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा जांच की गई। राष्ट्रीय चयन समिति ने अंतिम चयन के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए प्रोफाइल की भी जांच की गई।