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पीएम मोदी ने दिल्ली में किया अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन

टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा दे रही है केंद्र सरकार

पीएम विश्वकर्मा योजना की भी की शुरुआत
LP Live, New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को एक ओर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर मिल गया है, जिसका प्रधानमंत्री द्वारका में ‘यशोभूमि’ नाम से बनाए गए इस कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया, जो प्रगति मैदान के भारत मंडपम के बाद एक और विशाल भवन होगा। वहीं उन्होंने भगवान विश्वकर्मा जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत की।

राष्ट्रीय राजधानी के द्वारका में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र ‘यशोभूमि’ का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम ने कहा कि दुनिया में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म बढ़ रहा है, जिसमें भारत के लिए असीमित संभावनाएं हैं। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म इंडस्ट्री दुनिया में 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। हर साल दुनिया में 32 हजार से ज्यादा बड़ी प्रदर्शनियां और एक्सपो होते हैं। दो से पांच करोड़ की आबादी वाले देशों में भी यह सुविधा होती है। हमारी आबादी 140 करोड़ है। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए आने वाले लोग आम पर्यटकों से ज्यादा पैसे खर्च करते हैं और इस इंडस्ट्री में भारत की भागीदारी सिर्फ एक फीसदी है। आज का नया भारत कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए खुद को तैयार कर रहा है। एडवेंचर, मेडिकल, आध्यात्मिक और हेरिटेज टूरिज्म वहीं होता है, जहां जरूरी माहौल होता है। इसी तरह कॉन्फ्रेंस टूरिज्म भी वहीं होगा, जहां इवेंट और मीटिंग की सुविधाएं होंगी। भारत मंडपम और यशोभूमि दिल्ली को कॉन्फ्रें स टूरिज्म का सबसे बड़ा केंद्र बनाएंगे।

यशोभूमि विश्वकर्मा की तपस्या का प्रतीक
“आज देश को अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र यशोभूमि मिला है। यहां जिस तरह का काम किया गया है, वह मेरे विश्वकर्मा भाइयों की तपस्या को प्रदर्शित करता है। मैं देश के प्रत्येक विश्वकर्मा के लिए इस केंद्र की घोषणा करता हूं। यह सभी विश्वकर्मा के लिए मददगार साबित होने वाला है। भारतीय कला और हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर तक पहुंचाने के लिए यह एक जीवंत केंद्र होगा। स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बनाने में यह बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी आवश्यक है, उसी प्रकार हमारे समाज के लिए विश्वकर्मा आवश्यक हैं। उनके बिना रोजमर्रा की जिंदगी अकल्पनीय है।”

कारीगरों को मदद देगी सरकार
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को विश्वकर्मा जयंती के मौके पर पीएम विश्वरकर्मा योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि निकट भविष्य में प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और उपकरण बहुत आवश्यक होंगे। सरकार ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के तहत विश्वकर्मा भागीदारों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने की दिशा में उन्हें आर्थिक मदद के रुप में 500 रुपये प्रदान करने का प्रावधान किया है। वहीं 1,500 रुपये का टूलकिट वाउचर दिया जायेगा। सरकार का मकसद कारीगरों व शिल्पकारों को उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग में भी मदद करेगी। उन्होदनें बताया कि योजना के तहत, सरकार बिना किसी (बैंक) गारंटी के तीन लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ब्याज दर भी बहुत कम हो। सरकार ने फैसला किया है कि शुरुआत में एक लाख रुपये का ऋण दिया जाएगा, और इसे चुकाने के बाद सरकार विश्वकर्मा भागीदारों को अतिरिक्त दो लाख रुपये का ऋण प्रदान करेगी।

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