देश में थमने का नाम नहीं ले रहे सड़क हादसे! 12 फीसदी बढ़े सड़क हादसे
एक साल में मौतों की संख्या में 9.4 फीसदी की वृद्धि


केंद्र सरकार की ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2022’ पर वार्षिक रिपोर्ट में हुआ खुलासा
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार देश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ अनेक ठोस एवं तकनीकी की उपाय करने में लगी है, लेकिन देश में सड़क हादसे और उनमें असामयिक होने वाली मौतें कम होने के बजाए बढ़ रही हैं। मसलन साल 2021 की तुलना में देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और सड़कों पर असामयिक मौतों में 9.4 प्रतिशत और घायलों में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस साल सड़क हादसे में मौत का शिकार हुए 50 हजार मोटरसाइकिल सवार भी शामिल हैं।
यह आंकड़ा खुद केंद्रीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022’ पर जारी वार्षिक रिपोर्ट बता रही है। इस आंकड़े के मुताबिक कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज हुई, जिनमें 1,68,491 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जबकि 4,43,366 लोग सड़क हादसों में घायल हो गए। पिछले वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत, मृत्यु में 9.4 प्रतिशत और चोटों में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि साल 2021 में देश में 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई थी, जिनमें 1,68,491 लोगों की मौत हुई और 4,43,366 लोग घायल हुए थे। साल 2022 में 3.3 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार तेज गति के अलावा लापरवाही से गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और यातायात नियमों के उल्लंघन को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।
तेज रफ्तार ने ली 71 फीसदी से ज्यादा की जान
इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में यातायात नियम उल्लंघन की श्रेणी के तहत तेज गति से गाड़ी चलाना की वजह से 71.2 प्रतिशत सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। जबकि गलत साइड पर गाड़ी चलाने 5.4 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि के दौरान शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण 10 हजार से अधिक दुर्घटनाएं हुईं। लाल बत्ती जंप करने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में भी तेज वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें 2021 में 2,203 और 2022 में 4,021 घटनाएं शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में 82.55 प्रतिशत अधिक हैं।

50 हजार बाइक सवारों की मौत
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में मोटरसाइकिल (बाइक) दुर्घटनाओं में 50,029 से अधिक लोग मारे गए और उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। 2022 के दौरान, कुल 50,029 लोग मारे गए जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था, जिनमें से 35,692 यानी71.3 प्रतिशत लोग ड्राइवर थे और 14,337 यानी 28.7 प्रतिशत बाइक पर दूसरे यात्री शामिल थे। वहीं पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले 16,715 लोगों की मौत हो गई थी, इसमें 8,384 ड्राइवर और 8,331 यात्री शामिल थे।
सरकार की पहलों की अनदेखी
मंत्रालय सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए मजबूत उपाय कार्यान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय सड़क उपयोगकर्ता व्यवहार, सड़क बुनियादी ढांचे, वाहन मानकों, यातायात नियमों को लागू करने और दुर्घटना की रोकथाम में प्रौद्योगिकी की भूमिका जैसे विभिन्न पहलुओं पर भी कार्य कर रहा है। चूँकि सड़क दुर्घटनाएँ प्रकृति में बहु-कारणीय होती हैं, इसलिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों की सभी एजेंसियों के ठोस प्रयासों के माध्यम से समस्याओं को कम करने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता होती है। मंत्रालय ने विभिन्न अन्य संबंधित संगठनों के साथ-साथ हितधारकों के साथ मिलकर शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल सहित सभी 4ई पर ध्यान केंद्रित करते हुए सड़क सुरक्षा के मुद्दे का समाधान करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है।
अनेक कार्यक्रमों से जागरुकता अभियान
वहीं मंत्रालय आधुनिक परिवहन प्रणालियों के कार्यान्वयन, सड़क सुरक्षा ऑडिट और वैश्विक सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसी पहलों में सक्रिय रूप से शामिल है। सड़क दुर्घटनाओं से निपटने के लिए वास्तविक समय डेटा विश्लेषण और स्वचालित वाहन निरीक्षण केंद्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) जैसी पहल भी चल रही हैं। रिपोर्ट इन दुर्घटनाओं में योगदान देने वाले कारकों का समाधान करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की तात्कालिकता पर बल देती है, जिसमें तेज गति, लापरवाही से गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना और यातायात नियमों का अनुपालन न करना शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार यह महत्वपूर्ण है कि हम प्रवर्तन तंत्र को मजबूत करें, ड्राइवर शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाएं और सड़कों और वाहनों की स्थिति में सुधार करने में निवेश करें।
