देश की निचली अदालतों में लंबित मामलों का अंबार
यूपी में 90.9 लाख अपराधिक समेत एक करोड़ से ज्यादा लंबित केस
देशभर में 4.29 करोड़ मामले अदालतों में विचाराधीन, यूपी में सबसे ज्यादा
LP Live, New Delhi: देश की अदालतों में लंबित पड़े 4,29,40,290 मामलों में 1,09,34,257 सिविल तथा 3,20,06,033 फौजदारी के मामले विचाराधीन है। सबसे ज्यादा 1,09,49,909 लंबित मामलों का अंबार उत्तर प्रदेश की निचली अदालतों में लगा हुआ है, जिनमें 18,57,563 सिविल तथा 90,92,346 आपराधिक मामले शामिल हैं।
राज्यसभा में गुरुवार को एक सवाल के जवाब में यह जानकारी केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने देते हुए बताय कि न्या,यालय में लंबित मामलों का निपटान करना न्यारयपालिका के अधिकार क्षेत्र के भीतर है। इस संबन्ध में सरकार की कोई सीधी भूमिका नहीं है। फिर भी केंद्र सरकार मामलों के त्वरित निपटान के प्रति एवं लंबित मामलों की संख्या को कम करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है। न्यायपालिका द्वारा मामलों के तेजी से निपटान के लिए एक परिस्थितिक तंत्र प्रदान करने के लिए सरकार ने कई पहल की है। सरकार ने जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों को परिचालन योग्य बनाने के लिए सूचना अर प्रौद्योगिकी के लिए संपूर्ण देश में ई-न्यायालय मिशन पद्धति परियोजना को विकसित किया है। अब तक देश में 18,735 जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है। वहीं 99.3 प्रतिशत न्यायालय पररसरों को वैन की संयोजिता प्रदान की गई है।
लंबित मामलों में तीन गुना फौजदारी के मामले
देशभर के राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में 15 दिसंबर 2022 तक कुल 4,29,40,290 मामले लंबित है। इन लंबित मामलों में जहां 1,09,34,257 मामले सिविल के विचाराधीन हैं, तो वहीं करीब तीन गुना ज्यादा 3,20,06,033 फौजदारी के मामले निपटान की बाट जो रहे हैं। निचली अदालतों में 1,09,49,909 लंबित मामलों के साथ उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। जबकि उत्तराखंड में 44684 सिविल मामलों समेत कुल 329633 मामले निपटान का इंतजार कर रहे हैं। हरियाणा में लंबित मामलों की संख्या 14,39,059, पंजाब में 9,18,150, हिमाचल में 4,73,338, राजस्थान में 21,16,133, मध्य प्रदेश में 19,70,666, गुजरात में 17,33,731, जम्मू-कश्मीर में 2,97,156, लद्दाख में सबसे कम 1,134 मामले लंबित हैं।
देश में 733 फास्ट ट्रैक कोर्ट
केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्री के अनुसार राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में संचालित 31 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 389 विशिष्ट पॉक्सो न्यायालय स्थापित हैं। उच्च न्यायालयों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के हवाले से सदन में बताया गया कि 2017 के बाद 242 और एफटीसी की स्थापना की गयी है, जिनकी संख्या दिसंबर 2017 तक 596 और अक्टूबर 2022 तक बढ़कर 838 हो गई है। उन्होंने बताया कि 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 413 विशिष्ट पॉक्सो न्यायालयों समेत 733 एफटीएससी संचालित किये जा रहे हैं। इन अदालतो में अब तक 1.24 लाख से अधिक मामलों का निपटान किया जा चुका है और 31 अक्टूबर तक 1,93,814 मामले लंबित हैं।