दिल्ली शराब घोटाला: ईडी ने पूछताछ के लिए केजरीवाल को फिर भेजा समन
दो फरवरी को पूछताछ के लिए किया तलब, ईडी का यह पांचवा समन जारी


पहले चार समन में एक भी बार पेश नहीं हुए आप संयोजक
LP Live, New Delhi: दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री को पांचवी बार समन भेजकर दो फरवरी को पूछताछ के लिए तलब किया है। इससे पहले चार समन पर केजरीवाल जांच एजेंसी के समक्ष एक भी बार पेश नहीं हुए, बल्कि समन को राजनीतिक व अवैध करार देने का काम किया।
प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पांचवा समन जारी करके दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए दो फरवरी को तलब किया है। इससे पहले इस मामले में केजरीवाल को 18 जनवरी, 3 जनवरी, 2 नवंबर और 22 दिसंबर को पूछताछ के लिए समन जारी किये थे, लेकिन किसी भी समन पर केजरीवाल ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। ईडी के पांचवे समन को लेकर अभी तक आप या केजरीवाल की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। जबकि इससे पहले जारी हुए चार समन को केजरीवाल ने गैर-कानूनी, अवैध और राजनीति से प्रेरित बताया था। जबकि ईडी इस मामले में नीति निर्माण, इसे अंतिम रूप देने से पहले हुई बैठकों और रिश्वतखोरी के आरोपों जैसे मुद्दों पर केजरीवाल का बयान दर्ज करना चाहती है।

क्या कहते हैं केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने चौथा समन मिलने के बाद उसे अवैध करार दिया था और कहा था कि वह जांच एजेंसी को इस मामले में सहयोग करने के लिए तैयार थे, लेकिन राजनीति से प्रेरित होकर ईडी उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है, ताकि वे चुनाव प्रचार न कर सके। उनका मानना है कि ईडी द्वारा ऐसे सामान्य, गैर-विशिष्ट नोटिस भेजे गए थे, उन्हें रद्द कर दिया गया था और अदालतों द्वारा अमान्य घोषित कर दिया गया था। जबकि दिल्ली शराब घोटाला मामले में आप के दो वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं।
क्या है ईडी का तर्क
ईडी के अनुसार यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति (2021-22) के गठन और कार्यान्वयन में कई अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) पर आधारित है। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद पॉलिसी वापस ले ली गई थी। 2 दिसंबर, 2023 को मामले में दायर अपनी छठी चार्जशीट में आप नेता संजय सिंह और उनके सहयोगी सर्वेश मिश्रा का नाम लेते हुए ईडी ने दावा किया है कि आप ने अपने विधानसभा चुनावों के हिस्से के रूप में नीति के माध्यम से उत्पन्न 45 करोड़ रुपये की रिश्वत का इस्तेमाल किया।
