दिल्ली की आप सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का इस्तीफा!
विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को लगा सियासी झटका


पार्टी प्रमुख को लिखे पत्र में गहलोत ने स्पष्ट किया इस्तीफे का कारण
LP Live, New Delhi: दिल्ली के परिवहन मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को बड़ा सियासी झटका माना जा रहा है। उन्होंने अपने इस्तीफे में कई चौंकाने वाले तथ्यों को भी उजागर किया और अपने समर्थकों को संदेश भी दिया है।
दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की सरकार में वरिष्ठ नेता एवं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को पार्टी से त्यागपत्र देकर सियासी गलियारें में एक बहस छेड़ दी है, जो दिल्ली विधानसभा के आने वाले चुनाव की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर मानी जा रही है। कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे की वजह स्पष्ट करते हुए कहा कि आप ने दिल्ली की जनता के किये गये वादों को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें उन्होंने अपनी इस्तीफे की वजह और कारणों का जिक्र भी किया है। इस पत्र में गहलोत ने लिखा है कि उन्होंने अपने राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यों में जनता से किए गए वादों को पूरा करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कुछ कारणों के चलते वह उन वादों को पूरी तरह से निभाने में असफल रहे, और इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया। गौरतलब है कि कैलाश गहलोत का इस्तीफा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे दिल्ली सरकार में महत्वपूर्ण पद पर थे और उनके पास परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी थी।

केंद्र से लड़ाई में व्यस्त रही सरकार
अपने इस्तीफे में गहलोत ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार का अधिकांश समय केंद्र सरकार से लड़ने में लग रहा है, और इस कारण से दिल्ली की असली समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उनका मानना था कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो दिल्ली का कुछ नहीं हो सकता और आम आदमी के मुद्दे हमेशा अनदेखे रह जाएंगे। मंत्री गहलोत ने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी से जुड़ी उनकी यात्रा का उद्देश्य दिल्ली के लोगों की सेवा करना था, लेकिन अब उन्होंने महसूस किया कि पार्टी सिर्फ अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रही है, जिससे दिल्लीवासियों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने में मुश्किलें आ रही हैं। ऐसे में उनके सामने पार्टी से अलग होने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।
