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एससीओ की बैठक में भारत ने बताई अपनी प्राथमिकताएं

भारत की प्रतिबद्धता में बहुआयामी राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दे

LP Live, New Delhi: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपात स्थितियों के निवारण और रोकथाम के लिए उत्तरदायी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों के विभाग प्रमुखों को परिषद के अध्यक्ष के रुप में भारत की प्राथमिकताओं में बहुआयामी राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक विषयों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दोहराया है।

नई दिल्ली में गुरुवार को शुरू हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों की बैठक में अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के महत्व को साझा करते हुए कहा कि एसईसीयूआरई का मतलब समझाते हुए कहा कि कि 2018 में किंगदाओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए SECURE थीम को आगे बढ़ाना एससीओ के अध्यक्ष के रूप में भारत की प्राथमिकता है। एसईसीयूआरई यानी सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता व अखंडता का सम्मान और पर्यावरण संरक्षण है। शाह ने कहा कि भारत आपदा जोखिम में कमी को विशेष महत्व देता है। भारत अपनी विशेषज्ञता और अनुभव एससीओ सदस्य देशों के बीच अधिक सहयोग और विश्वास के लिए साझा करने को तैयार है। भारत का मानना है कि कोई भी हादसा बड़ा या छोटा नहीं होता। देश ने सूखे, बाढ़, गर्मी, शीत लहर, चक्रवात की प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली में सुधार देखे हैं। भारत ने अब पहले से अधिक सटीक और समय पर पूर्व चेतावनी देने वाली तकनीक को विकसित कर लिया है। हमारा फोरकॉस्ट न केवल आपदा के बारे में चेतावनी देता है, बल्कि इसके संभावित प्रभाव की भी भविष्यवाणी करता है। प्राकृतिक आपदा के दौरान यह महत्वपूर्ण है कि वहां कितने जल्दी राहत पहुंचती है, जो टीम की ट्रेनिंग और उनकी कुशलता को दर्शाती है।

तकनीकी को दिया प्रोत्साहन
शाह ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी फोरकॉस्ट तकनीक वैज्ञानिक रूप से उन्नत होने के साथ-साथ, इसे इस तरह से विकसित किया जाए कि आम लोगों इसे समझ सकें और इसका उपयोग कर सकें। एक समय था जब भारत चक्रवाती तूफान के कारण जान-माल से काफी प्रभावित होता था लेकिन आज हम चक्रवातों से होने वाले पहले ही कम कर लेते हैं। भारत की इसी तकनीक को आज पूरी दुनिया सराह रही है। अमित शाह ने कहा कि भारत के कारण जी 20 में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एक कार्य समूह का गठन किया गया। गुजरात के गांधीनगर में हाल ही में समूह की पहली बैठक आयोजित की गई थी। इसके अलावा शाह ने कहा कि भारत ने सार्क, बिम्सटेक और एससीओ देशों के साथ संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यास की मेजबानी की है।

एससीओ सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एससीओ शायद दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है, जो वैश्विक आबादी का 40 प्रतिशत, वैश्विक जीडीपी का 25 प्रतिशत और दुनिया के कुल भूमि का 22 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि भारत एससीओ से 2005 से जुड़ा और साल 2017 में हुए 17वें शिखर सम्मेलन के दौरान भारत एससीओ का पूर्ण सदस्य बन गया था। शाह ने कहा कि 2017 में पूर्ण सदस्य देश बनने के बाद हम पहली बार एससीओ की अध्यक्षता कर रहे हैं, यह भारत के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत के नेतृत्व वाले सीडीआरआई में आज दुनिया भर के 39 सदस्य हैं। सीडीआरआई यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि निवेश इस तरह से किए जाएं कि हमारे बुनियादी ढांचे आपदाओं के प्रति लचीले हों। इससे हमारा वर्तमान और भविष्य सुरक्षित रहेगा। इसके अलावा, सीडीआरआई दुनिया के छोटे विकासशील राज्यों पर विशेष जोर दे रहा है।

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