

इमारतों के मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम जारी
LP Live, New Delhi: तुर्की गणराज्य में भूकंप से आए विनाश के बीच भारत से गये राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने बचाव और राहत कार्य से मदद करना शुरू कर दिया है। इस विनाशकारी भूकंप के कारण तुर्की में करीब साढ़े चार लोगों की मौत हो गई और 14 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गये।
तुर्की में एक दिन पहले विनाशकारी 7.8-तीव्रता के साथ आए भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई, चौतरफा इमारतो का मलबा बिखरा पड़ा है, जिसे हटाकर उसमें दबे लोगों को निकाला जा रहा है। भारत से विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भेजी गई है। वहीं आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ मेडिकल टीमें भी इस दल के साथ तुर्की में हैं। वहीं तुर्की गणराज्य की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय के समन्वय से राहत सामग्री भेजी गई है। इससे पहले सोमवार को तुर्की में आए भूकंप से निपटने के लिए भारत ने हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने कल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में एक बैठक की थी। बैठक में लिए गये निर्णय के तहत भारत ने राहत सामग्री के साथ भारत से एनडीआरएफ और चिकित्सा दलों के खोज और बचाव दलों को तुरंत तुर्की रवाना कर दिया गया था, जो राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। गौरतलब है कि दक्षिणपूर्वी तुर्की और सीरिया में सोमवार को तड़के 7.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे कई इमारतें ढह गईं।
लोकसभा में संवेदनाएं व्यक्त
मंगलवार को लोक सभा में इस त्रासदी पर संवेदनाएं व्यक्त करते हुए पूरे सदन ने भारत की तरफ से दोनों देशों के लोगों तक हर संभव सहायता पहुंचाने को लेकर प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में इस त्रासदी पर दुख जताते हुए कहा कि तुर्की और सीरिया में बड़े भूकंप के झटके की वजह से सैकड़ों इमारतें गिर गई हैं और बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। आपदा की इस घड़ी में भारत दोनों देशों की जनता के प्रति सहयोग और सहायता को लेकर अपनी प्रतिबद्धिता व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में हर भारतीय दोनों देशों की प्रभावित जनता के साथ खड़ा है। भारत सरकार द्वारा भेजी गई भूकंप पीड़ितों की राहत के लिए चिकित्सा सामग्री और अन्य सामग्रियों की पहली खेप एवं एनडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंच गई है। सदन ने खड़े होकर मौन रहकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि भी दी।
तुर्की ने किया भारत का थैंक्स
भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने नई दिल्ली को ‘दोस्त’ कहा है। केंद्र सरकार ने भूकंप प्रभावित राष्ट्र को राहत और मानवीय सहायता भेजने का फैसला किया है, जहां विनाशकारी 7.8-तीव्रता के बाद करीब साढ़े चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। भूकंप ने सीरियाई सीमा के करीब एक क्षेत्र को प्रभावित किया है। सोमवार देर रात एक ट्वीट में सुनील ने कहा कि ‘दोस्त’ तुर्की और हिंदी में एक आम शब्द है। वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर कहा कि भारत की मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्रवाई में सक्षम है। सोमवार को, केंद्र ने घोषणा की थी कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए तुर्की भेजी गई हैं।
