जम्मू-कश्मीर में रेलवे ने बनाई देश की सबसे लम्बी सुरंग
कटरा-बनिहाल रेल सेक्शन पर 12.895 किमी एस्केप टनल का सफल ब्रेक-थ्रू


रेलवे ने यूएसबीआरएल परियोजना के तहत हासिल की बड़ी कामयाबी
LP Live, Jammu-Kashmir: भारतीय रेलवे ने जम्मू व कश्मीर को रेल संपर्क से जोड़ने की दिशा में यूएसबीआरएल परियोजना के कटरा-बनिहाल सैक्शन पर सुम्बर और खारी स्टेशनों के बीच भारत की सबसे लंबी एस्केप टनल टी-49 का ब्रेक-थ्रू कर एक बड़ी उपलब्धिी हासिल की है।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर रेलवे ने यूएसबीआरएल परियोजना के कटरा-बनिहाल सैक्शन पर सुम्बर और खारी स्टेखशनों के बीच मुख्यय प्रशासनिक अधिकारी/यूएसबीआरएल एस.पी.माही और उनकी टीम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में भारत की सबसे लम्बी एस्केुप टनल की लाइन और लेबल को सटीकता के साथ ब्रेक-थ्रू हासिल किया गया। घोड़े की नाल के आकार की यह सुरंग दक्षिण की ओर सुंबर स्टेशन यार्ड और सुरंग टी-50 को जोड़ते हुए उत्त र की ओर खोड़ा गांव में खोड़ा नाला पर ब्रिज नंबर 04 को जोड़ती है। सुरंग के भीतर का रूलिंग ग्रेडियेंट 80 में एक है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के खारी तहसील क्षेत्र में सुंबर से सीरन गांव तक टी-49 सुरंग 12.75 किमी देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है। इस परियोजना में तीन और सुरंगें हैं, जिनकी लंबाई सुरंग टी-49 की लंबाई से कम है। इनमें टनल टी-48 की लंबाई 10.20 किमी, टी15 11.25 किमी तथा पीरपंजाल सुरंग 11.2 किमी लंबी है।
जुड़वां ट्यूब के रुप में बनी सुरंग
उत्तर रेलवे के अनुसार टनल टी-49 एक जुड़वां ट्यूब सुरंग है, जिसमें मुख्य सुरंग 12.75 किमी और एस्केप टनल 12.895 किमी है तथा यह प्रत्येक क्रॉस-पैसेज पर 33 क्रॉस पैसेजों से जुड़ी है। सुरंग का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया गया है। एस्केेप सुरंग युवा हिमालय के रामबन फॉर्मेशन के साथ-साथ चलते हुए खोड़ा, हिंगनी, पुंदन, नालों जैसी चिनाब नदी की विभिन्न सहायक नदियों व नालों के साथ-साथ गुजरती है। सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड द्वारा किया गया है, जो ड्रिल और ब्लास्ट प्रक्रियाओं की एक आधुनिक तकनीक है। यद्यपि सुरंग का बोरिंग कार्य, दोनों दिशाओं से हैंड शेकिंग प्वाइंट तक शुरू किया गया था। सुरंग की लाइन और लैवल ब्रेक-थ्रू के बाद दोनों भागों में पूरी तरह से मेल खाते हैं। उत्तर रेलवे के अनुभवी इंजीनियरों की टीम ने सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया और एस्केप टनल का निर्माण कर मील का पत्थर हासिल किया। सुरंग की निर्माण गतिविधियों के दौरान आस-पास के गांवों के 75 प्रतिशत से अधिक श्रमिक विभिन्न निर्माण गतिविधियों में जुटे रहे।
परियोजना की लंबाई 272 किलोमीटर
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की कुल 272 किलोमीटर लंबाई में से 161 किलोमीटर को पहले ही चालू किया जा चुका है। कटरा-बनिहाल के बीच के शेष 111 किलोमीटर पर काम तेजी से चल रहा है। कटरा-बनिहाल सैक्शोन निचले हिमालय के पहाड़ी इलाकों से गुजर रहा है जिसमें कमजोर भूविज्ञान, क्षेत्र की दुर्गमता, मौसम की प्रतिकूल स्थितियां, भूस्खलन, और पहुंच मार्गों पर पत्थरों का गिरना प्रमुख चुनौतियां हैं। इसमें कई बड़े पुल और बहुत लंबी सुरंगें हैं जो विभिन्न चरणों में निर्माणाधीन हैं।
