देश

गरीबों के मुफ्त राशन पर 3.90 लाख करोड़ हुआ खर्च

एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड से मिली गरीबों को राहत

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का 80 करोड़ से ज्यादा को मिला लाभ
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार की देशभर में एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड की महत्वाकांक्षी योजना से गरीब वर्ग को काफी राहत मिली है। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से 3.90 लाख करोड़ रुपये खर्च करके गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न मुहैया कराया है। वहीं किसानों के कल्याण के मद्देनजर सरकार ने 2021-22 में एमएसपी पर 2.75 लाख करोड़ रुपये की रिकार्ड खरीदी की है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र तोमर ने उपभोक्ता कार्य, खाद्य, सार्वजनिक वितरण मंत्रालय व कृषि से संबंधित उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कोविड-19 महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधान के चलते गरीबों को होने वाली कठिनाइयां दूर करने और खाद्य सुरक्षा पर महामारी के प्रभाव कम करने के लिए बड़ी पहल की। मार्च-2020 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने करीब 80 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, अंत्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता वाले परिवारों लाभार्थियों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत चरणबद्ध तरीके से 5 किलो प्रति व्यक्ति-प्रति माह आधार पर अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न के रूप में चावल/गेहूं का वितरण किया। तोमर के अनुसार देशभर में 1118 एलएमटी खाद्यान्न आवंटित करके सरकार ने 3.90 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किये हैं।

राशनकार्ड योजना बनी सबब
तोमर ने कहा कि एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड सहित विभिन्न योजनाओं के तहत पोषणयुक्त चावल का वितरण, लक्षित सार्वजनिक वितरण सहित केंद्र की अन्य योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना की प्रगति बताते हुए उन्होंने कहा कि अगस्त-2019 में 4 राज्यों के बीच पोर्टेबिलिटी के साथ शुरूआत करते हुए अब तक सभी 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना को शुरू किया जा चुका है, जिसमें लगभग 80 करोड़ लाभार्थी यानी देश की लगभग सौ प्रतिशत गरीब आबादी शामिल है।

चीनी का बड़ा निर्यातक देश बना भारत
कृषि मंत्री तोमर ने बताया कि भारतीय चीनी उद्योग का वार्षिक उत्पादन लगभग 1.40 लाखा करोड़ रुपये है। शुगर सीजन 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में 6.2 एलएमटी, 38 एलएमटी व 59.60 एलएमटी चीनी का निर्यात किया गया है। चीनी सीजन 2020-21 में 60 एलएमटी के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 70 एलएमटी का निर्यात किया गया है। चीनी सीजन 2021-22 में, भारत ने 110 एलएमटी से अधिक चीनी का निर्यात किया है और दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने नवंबर तक चीनी सीजन 2021-22 के लिए 118271 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य बकाया में से किसानों को 114981 करोड़ रुपये यानी 97 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया चुका है।तोमर ने बताया कि सरकार ने 2022 तक पेट्रोल के साथ ईंधन ग्रेड इथेनॉल के 10 प्रतिशत सम्मिश्रण और 2025 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है। देश में एथेनॉल उत्पादन की मौजूदा क्षमता भी बढ़कर 925 करोड़ लीटर हो गई है।

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