किताबों में हर समस्या का समधान: धीरा
लेखक धीरा खण्डेलवाल की पुस्तक ‘व्योम विस्तार’ का लोकार्पण


प्रथम पंचकूला पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों तांता
LP Live, Chandigarh: एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए पी के दास के मार्गदर्शन में आयोजित प्रथम पंचकूला पुस्तक मेले के चौथे दिन वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रसिद्ध लेखक एवं कवि एवं पूर्व आईएसएस अधिकारी श्रीमती धीरा खण्डेलवाल के काव्य संग्रह ‘व्योम विस्तार’ का लोकार्पण किया गया।
पंचकूला में आयोजित पुस्तक मेले में आयोजि समारोह की अध्यक्षता कर रहे हरियाणा विद्युत विभाग के अध्यक्ष पी.के. दास ने वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रसिद्ध लेखक एवं कवि श्रीमती धीरा खण्डेलवाल के काव्य संग्रह ‘व्योम विस्तार’ का लोकार्पण किया गया। पुस्तक मेले में धीरा खण्डेलवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। श्रीमती खण्डेलवाल ने कहा कि जिंदगी में सबसे जरूरी है, एक बेहतर इन्सान बनना और बेहतर इन्सान बनने के लिए किताबों का पढ़ना बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि किसी व्यक्ति के कैरियर की उम्र तो 60 वर्ष की होती है, परन्तु एक बेहतर इन्सान जिंदगीभर तथा जिंदगी के बाद भी याद किया जाता है। उन्होने कहा कि जिंदगी के सभी उलझे सवालों को यदि हल करना है तो किताबें पढ़े, ये आप की हर समस्या का समाधान कर देगा।

युवाओं के लिए साहित्य का उत्सव
अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष विद्युत विभाग पी के दास ने कहा कि यह पुस्तक मेले की सफलता ही है कि धीरा खण्डेलवाल ने अपनी पुस्तक की लोकार्पण के लिए इस मंच को चुना। उन्होने कहा कि एक लेखक के लिए जनता के लिए पुस्तकें लोकार्पण करना पुस्तक मेले से बेहतर मंच हो ही नहीं सकता। वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरूण माहेश्वरी ने कहा कि पंचकूला पुस्तक उत्सव युवाओं के बीच साहित्य ले जाने का उत्सव है। यह उत्सव एक उर्बर प्रदेश की शुरूआत है। पुस्तक लोकार्पण के बाद श्रीमती धीरा खण्डेलवाल ने अपनी कुछ कविताओं का सस्वर पाठ यूं किया-‘याद आती है, सुनो तुम रोना मत। कितने फसाद होते, गर सारे किस्से याद होते। आसमां के पास जमीं नहीं ,मुझे कोई कमी नहीं’।
नाटकों का मंचन
पंचकूला पुस्तक मेले के मंच से जीएसएसएससंस्कृति स्कूल पंचकूला द्वारा ‘मै समय हूं’ जीएमएसएसएस सैक्टर 20 स्कूल पंचकूला द्वारा ‘कच्ची जिंदगी पक्की सडक’, जीएसएसएस रामगढ़ स्कूल पंचकूला ‘यमराज जीवनदान योजना डाट कॉम’कुल 10 स्कूलों द्वारा नाटक त्रासदि, राजमार्ग पर जिंदगी, बाई पास, जिंदगी न मिलेगी दोबारा जैसे 10 नाटकों का मंचन किया गया। इस अवसर पर विमर्श व नाट्य मंचन का संचालन पीआरओ राजीव रंजन ने किया गया। जबकि डा. अमित सिंह, नीजा सिंह, सहित हजारों लोग कार्यक्रम का हिस्सा बने।
