श्रवण अर्थात सुनना:संजीव शंकर


LP Live, Desk: हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या है कि हम सुनना ही नहीं चाहते सिर्फ सुनाना चाहते हैं, श्रवण का अर्थ होता है सुनना( इस माह में भगवान के स्वरूप के बारे में सुनने से मन के विकार दूर होते हैं। महामृत्युंजय सेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव शंकर ने बताया कि एकाग्र होकर सुनने से बाहरी जगत तो ढहर ही जाता है फिर अंदर आत्मा क्या कह रही है यह भी सुना जाता है, यह एक सिद्ध प्रक्रिया है। श्रावण मास में इसका अभ्यास करें तो अच्छा रहेगा।
उसके अलावा यह माह पत्र-पुष्पों को का भी महीना है शिव मंदिर जाए तो बेलपत्र, शमी पत्र, कनेर के पुष्प,धतूरा, भांग के पत्ते,आक के पत्तों की माला,मदार के पत्तों की माला इत्यादि निश्चित संख्या में और भिन्न-भिन्न मनोकामना के लिए गन्ने का रस, पंचामृत( दूध, दही,शहद, घी, जल) शुद्ध गंगाजल मिश्रित जल इत्यादि द्रव्यों से अभिषेक करें, साधारण रूप से ॐ नमः शिवाय का जप व “शिव शिव” नाम परम कल्याण कारक है।
