हरियाणा में तकनीकी भंडारण से नहीं होगी अनाज की बर्बादी
प्रदेश में हब और साइलो तकनीक से 37 जगह बनेंगे नए गोदाम
LP Live, Chandigarh: हरियाणा के करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल और फतेहाबाद में करीब 40 हजार टन अनाज की बर्बादी के बाद सरकार ने प्रदेश में 37 स्थानों पर साढ़े 10 लाख टन क्षमता के नए गोदाम बनाने का निर्णय लिया है। इन तकनीकीयुक्त भंडारणगृहों अनाज की बर्बादी नहीं हो सकेगी।
पंजाब के बाद दूसरे बड़े अन्न उत्पादक राज्य हरियाणा में उचित भंडारण के अभाव में अनाज की बर्बादी को रोकने की दिशा में सरकार ने गोदामों के निर्माण में हब साइलो और स्पोक साइलो तकनीक को अपनाने के निर्देश दिये हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल और फतेहाबाद में करीब 40 हजार टन अनाज की बर्बादी की जांच प्रशासनिक सचिवों को सौंपी जा चुकी है। अनाज की इस तरह की बर्बादी से सबक लेते हुए स रकार ने हब और स्पोक माडल एक परिवहन प्रणाली का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है।
इन शहरों में होगा नए गोदामों का निर्माण
हरियाणा में पांच स्थानों पर करनाल, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और सिरसा में दो लाख 50 हजार टन क्षमता के पांच हब साइलो का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक गोदाम 50 हजार टन क्षमता का होगा। आठ लाख टन क्षमता के 32 स्पोक साइलो बनेंगे। यह गोदाम असंध, घरौंडा, समालखा, गोहाना, पिल्लूखेड़ा, उचाना, सफीदो, फतेहाबाद, रतिया, भूना, जुंडला, निसिंग, तरावड़ी, इंद्री, बराड़ा, साहा, छछरौली, खिजराबाद, मुस्तफाबाद, शाहबाद, इस्माईलाबाद, लाडवा, रानियां, डबवाली, चौटाला, ऐलनाबाद, पलवल, चीका, पेहवा और होडल में बनाए जाएंगे। यहां बनने वाला प्रत्येक गोदाम 25 हजार टन क्षमता का होगा।
क्या है नई तकनीक
केंद्रीय स्थानों के लिए स्पोक तथा लंबी दूरी के परिवहन के लिए हब का इस्तेमाल किया जाता है। हब साइलो के अंतर्गत विशेष रूप से रेलवे साइडिंग और कंटेनर डिपो के जरिये अनाज भंडारण की सुविधा आती है, जबकि स्पोक से हब तक का परिवहन सड़क के माध्यम से तथा हब से हब तक का परिवहन रेल के माध्यम से किया जाता है। साइलो स्टोरेज एक विशाल स्टील का ढांचा होता है, जिसमें थोक सामग्री भंडारित की जाती है। इसमें कई विशाल बेलनाकार टैंक होते हैं। नमी और तापमान से अप्रभावित रहने के कारण इनमें अनाज लंबे समय तक भंडारित रहता है।
हरियाणा में बढ़ी 51 लाख टन अनाज भंडारण क्षमता
सूत्रो के अनुसार 2014 में हुड्डा सरकार के कार्यकाल में राज्य की अनाज भंडारण क्षमता 75. 78 लाख टन थी, जो अब बढ़कर 126.79 लाख टन पर पहुंच गई है। यानी पिछले आठ साल में 51 लाख टन क्षमता के नए गोदाम बनाए गये हैं। तिगांव, भोरसैयदा, खरखौदा, शहजादपुर और सेनमाजरा में नए गोदाम बन चुके हैं। हिसार में 40 हजार 656 टन क्षमता के गोदाम बनने हैं, जिनमें से 16 हजार 632 टन क्षमता के गोदाम बन चुके हैं और 24 हजार 24 टन क्षमता के गोदामों के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। फतेहाबाद के महुवाला में 53 हजार 130 टन क्षमता के गोदाम बनने की प्रक्रिया जारी है।