उपराष्ट्रपति के भाषण से संपन्न हुआ नौवां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र सम्मेलन
LP Live, Udaypur: राजस्थान के उदयपुर में आयोजित नौवें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन में कई महत्वपूर्णय निर्णय लिये गये। वहीं विधानमंडलों से सुशासन की दिशा में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल पर जोर दिया गया। समापन समारोह में राज्यसभा के सभापति एवं उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ मुख्यालय के चेयरपर्सन इयान लिडेल ग्रैन्जर ने भी शिरकत की।
सम्मेलन के समापन सत्र लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श विधानमंडलों के समक्ष प्रस्तुत वर्तमान और भावी चुनौतियों के समाधान में बहुत मददगार साबित होगा। बिरला ने यह भी कहा कि बदलते परिप्रेक्ष्य में, हमें अपनी संस्थाओं के अंदर विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए ताकि हमारी संस्थाएं प्रभावी परिणाम ला सकें। बिरला ने भारत को प्रमुख वैश्विक चुनौतियों के समाधान निकालने के लिए सुनिश्चित करना चाहिए। वर्तमान समय में आधुनिक कानूनों की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि यदि हम अपने देश को विकास और समृद्धि के पथ पर ले जाने के लिए अप्रचलित कानूनों के स्थान पर मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार ऐसे नए कानून लाने होंगे, जिनमें आवश्यक परिवर्तन के साथ पारदर्शी और जवाबदेह शासन व्यवस्था लागू हो, ताकि विकसित भारत की ओर बढ़ने के साथ हमारे जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन आ सकें।
नौ नए क्षेत्रों में पुनर्गठन करने का निर्णय
बिरला ने यह भी बताया कि कि कि 9वें सीपीए सम्मेलन में विधायी निकायों के बीच बेहतर संवाद और समन्वय के लिए सीपीए इंडिया रीजन जोन को नौ नए क्षेत्रों में पुनर्गठित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सीपीए इंडिया रीजन के पुनर्गठन से ज़ोन के भीतर और बाहर जन प्रतिनिधियों की व्यापक भागीदारी से सीपीए इंडिया क्षेत्र की गतिविधियों में वृद्धि होगी और लोकतांत्रिक भावना को बढ़ावा मिलेगा।
डीजिटल तकनीक से सुशासन
बिरला ने डिजिटल तकनीक का उपयोग करने से उनकी प्रभावशीलता में सुधार को लेकर कहा कि डिजिटल माध्यमों से विधानमंडलों को जनता के साथ जुड़कर हम अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के द्वारा सुशासन सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि ‘एक राष्ट्र एक विधायी मंच’ को लागू करके विधायकों की क्षमता निर्माण का काम करें। बिरला ने विधायकों से विधायी प्रभावशीलता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आग्रह किया। सम्मेलन में 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया।