LP Live, New Delhi:
पद्मश्री एवं खेल रत्न अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भारत की पहली महिला पैरालंपिक पदक विजेता तथा भारत की पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष डॉ. (एचसी) दीपा मलिक ने क्षयरोग (टीबी) मुक्त भारत अभियान की राष्ट्रीय दूत बनाया गया है।
टीबी मुक्त भारत अभियान की राष्ट्रीय दूत बनने के बाद शनिवार को डा. दीपा मलिक ने भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में स्वास्थ्य मंडप का दौरा किया तथा क्षयरोग (टीबी) से बचे लोगों के साथ बातचीत की, साथ ही सभी से टीबी रोगियों का समर्थन करने के लिए नि-क्षय मित्र बनने का आग्रह किया और उन्होंने नि-क्षय मित्र बनकर इस अभियान को अपना समर्थन देने का संकल्प लिया है।
हरियाणा राज्य को खेल के क्षेत्र में रोशन करने वाली डॉ. (एचसी) दीपा मलिक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए क्षयरोग (टीबी) मुक्त भारत अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता उस समय व्यक्त की और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मंडप में टीबी जागरूकता गतिविधियों में भाग लिया। वहीं
उन्होंने भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के टीबी पीड़ित रोगियों को पोषण, अतिरिक्त निदान और व्यावसायिक सहायता के तीन स्तरों पर सहायता प्रदान करने का प्रयास में की गई पहल में नि-क्षय मित्र बनकर अभियान को अपना समर्थन दिया। उन्होंने नि-क्षय मित्र के रूप में स्वयं 5 क्षय रोगियों को गोद भी लिया है। टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए अपने समर्थन के बारे में बात करते हुए डॉ. (एचसी) दीपा मलिक ने कहा कि उन्हें टीबी मुक्त भारत जन आंदोलन में एक राष्ट्रीय राजदूत के रूप में शामिल होने पर इसलिए खुशी हो रही है कि वह भारत 2025 तक टीबी मुक्त होने के लक्ष्य तक पहुँचकर अपना योगदान दे संकू।