केंद्रीय रक्षामंत्री अजय भट्ट की लगातार पैरवी रंग लाई
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में पेयजल व सिंचाई के संकट को दूर करने वाली बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना को लेकर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट निरंतर लोकसभा में पैरवी करते हुए मुद्दे को उठाते रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जहां किसानों को बड़ी सौगात दी गई है, वहीं उत्तराखंड में पेयजल व सिंचाई की समस्या का समाधान करने वाली जमरानी बांध परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के काठगोदाम से 10 किलोमीटर अपस्ट्रीम में गौला नदी पर जमरानी बांध 130.6 मीटर की ऊंचाई पर निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना से डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होना है। वहीं हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने तथा 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का प्रावधान है। जमरानी बांध परियोजना पीएमकेएसवाई के अंतर्गत 90 केंद्र अंश और 10 राज्य अंश के अनुसार वित्त पोषण हेतु पात्र है। वहीं, अपने हल्द्वानी दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संबोधन में जमरानी बांध परियोजना के शीघ्र निर्माण हेतु आश्वासन दिया गया था। इसके पश्चात लगातार बैठकों के बाद आखिरकार जमरानी बहुउद्देशीय परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है।
कई सालों का इंतजार हुआ खत्म
उत्तराखंड के सांसद अजय भट्ट ने इस परियोजना की पैरवी 2019 में लोकसभा सदस्य बनते ही शुरु कर दी थी। केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की सलाहकार समिति द्वारा इस परियोजना का 2584.10 करोड़ का अनुमोदन किया गया था। फरवरी 2022 में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत परिचालित पुनरीक्षित कर जल शक्ति मंत्रालय के अध्यक्षता में निवेश स्वीकृत हेतु आयोजित बैठक में जमरानी बांध परियोजना का निवेश स्वीकृति हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया है। वहीं इस परियोजना से प्रभावितों के पुनर्वास के लिए पुनः व्यवस्थापन अधिनियम 2013 की व्यवस्था के अनुसार होगा। इसके लिए पुनर्वास नीति को राज्य कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी भी दे दी है।